लोहाघाट। भुम्वाड़ी के प्रगतिशील किसान तुलसी प्रकाश ने जंगलों में बहुतायत होने वाले तिमूर को गुटखा के विकल्प के रूप में लोगों के सामने परोस कर रोजगार की नई संभावनाओं को पंख लगाए हैं। तिमूर कटीली झाड़ियों वाली ऐसी वनस्पति है जिसमें काली मिर्च के आकार के फल पैदा होते हैं।अमूमन नवंबर दिसंबर तक इसके फल परिपक्व हो जाते हैं। यदि किसान जंगली जानवरों से खेती के बचाव के लिए इसकी बाढ़ बनाए तो इससे खेत सुरक्षित रह सकते हैं। तथा वह तिमूर का उत्पादन भी कर सकते हैं। यह ऐसी वनस्पति है जिसकी लकड़ी दातुन के लिए बहुत उपयोगी एवं इसकी पत्तियां अनाज के भंडारण के काम आती हैं। इसका दाना मुंह में डालते ही मुह का जाएका ही बदल जाता है।इसे चबाने के बजाय जीभ में रखने से कुछ समय बाद नई ताजगी आने लगती है। इसका एक दाना जीभ में रखने के बाद घंटों तक मुह में ताजगी बनी रहती है। तिमूर के बीज का उपयोग नहीं किया जाता है। यह गुटके की लत को छुड़ाने का एक सशक्त माध्यम भी है। गुटखा एक ऐसा खतरनाक नशा है जिससे पाचन शक्ति कमजोर होने के साथ मुंह का आकार छोटा हो जाता है।कैंसर रोग की उत्पत्ति का कारण समेत अनेक तमाम बीमारियों का स्रोत है जिसकी चपेट में आने के बाद अंततः व्यक्ति को कफन औढना ही पड़ता है।तुलसी प्रकाश नेगुटखा खाने वालों के लिए ऐसा विकल्प दिया है। जिसे जो खा रहा है वह कह रहा है कि गुटके का जहर खाने से तो यह बहुत अच्छा एंव‌ मजेदार स्वाद दे रहा है

लोहाघाट। जिला आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी एवं आयुर्वेद के जानकार डॉ आलोक शुक्ला का कहना है कि तिमूर प्रकृति का ऐसा वरदान है जिसमें कई औषधिय गुण हैं। यह स्लो प्वाइजन के रूप में गुटखा खाने वालों के लिए तो किसी वरदान से कम नहीं है।इससे उन्हें नया स्वाद और नई जिंदगी मिलेगी।इसीलिए हम लोग इसे नेचुरल माउथ फ्रेशनर कहते हैं। तिमूर खाने वालों की दांत दर्द की समस्या कभी नहीं रहती है तथा इससे मुह का स्वद का बना रहता है।

लोहाघाट।राजकीय पीजी कॉलेज की वनस्पति विज्ञान की प्रोफेसर डॉ प्रीति पंत के अनुसार तिमूर का वानस्पतिक नाम जिन्थो जाइलम, आरमेटग है यह मसाले के रूप में भी प्रयोग में लाया जाता है दांत साफ कर लें एवं मुह का स्वाद बदलने के लिए इसे पहले से ही इसका प्रयोग होता आ रहा है विभिन्न वैज्ञानिक अध्ययनो से इस बात की पुष्टि हुई है कि इसमें विभिन्न प्रकार के ऐसे फइटोकेमिकल हैं जिनमे एंटीऑक्सीडेंट, एंटी इन्फ्लेमेर्टी एवं एंटीबैक्टीरियल के गुणों से भरपूर हैं। यह लीवर की समस्या का अच्छा निवारक भी है।

By Jeewan Bisht

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