चंपावत। ग्राम पंचायत मौनपोखरी के कठनौली के भीम सिंह महर के पुरुषार्थ ने पलायन करने का मूड बना रहे लोग अपने ही घर में रुककर उनसे प्रेरणा लेते हुए जीवन जीने का इरादा बना रहे हैं। महर के पुरुषार्थ को सलाम करने हर कोई तल्लादेश जाने वाला व्यक्ति उनके घर आता है, जहां उन्होंने हिमाचल के काश्तकार राकेश अधिकारी से फोन में संपर्क कर अपने यहां सेब का बगीचा व नर्सरी तैयार कर दूसरे लोगों की आंखें खोल दी हैं। यही वजह है कि इन्हें एप्पल मैन ऑफ उत्तराखंड के नाम से जाना जाता है। इन्होंने इटालियन व अमरीकन प्रजाति की ग्रीन स्मिथ,डार्क बैरनमाला, रेडलम गाला, चैरीमाइन,किंगरॉड,गोल्डन बकाईवाला,रेड डेलिसस,रेडलग एवं चाइनीज प्रजाति के ब्लैक डायमंड सेब लगाए हैं, जो सितंबर से दिसंबर तक फल देने लगते हैं। एक पेड़ से 50 किलो से लेकर डेढ़ कुंतल तक फलत मिलती है। नर्सरी में सेब का एक पौधा यह ₹300 में बेचते हैं। इन प्रजातियों के सेबों में सूखा झेलने की ऐसी सामर्थ्य है कि इन्हें फलत के समय ही पानी की जरुरत होती है। कृषि विज्ञान केंद्र की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर रजनी पंत एवं डीएचओ टी एन पाण्डे द्वारा इन्हें प्रोत्साहित किया जाता रहा है। इनके बगीचे से हिमालय का दमकता हुआ नजारा देखने को मिलता है।

अपने नाम के अनुरूप भीम सिंह में सीखने, सिखाने एवं कुछ नया करने का काफी जज्बा है।इनके पास 10 नाली भूमि है तथा पांच नाली अतिरिक्त किराए में ली हुई है। इनका कहना है कि यदि उन्हें सिंचाई सुविधा के साथ सोलर फेंसिंग मिले तो वह पलायन से बंजर हुई भूमि में फल पौधों की नर्सरी बनाकर उद्यान विभाग की सारी जरुरतों को पूरा करने में सक्षम हैं। वह जिले का एक ऐसा बगीचा बना रहे हैं जो हार्टी टूरिज्म को बढ़ावा देगा। अभी इनके गांव को जोड़ने के लिए एक किमी लंबी सड़क की जरुरत है। इनका यह भी कहना है कि सोलर पंप या क्रांतेश्वर की पहाड़ी से लघु सिंचाई योजना बनाई जाए तो उन्हें धरती से सोना पैदा करने में बड़ी सहायता मिलेगी।

By Jeewan Bisht

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