लोहाघाट। लोकतांत्रिक व्यवस्था में छात्र संघ ऐसा पायदान है जहां से लोकतंत्र को मजबूत करने की नींव रखी जाती है। हर जनप्रतिनिधि इस दौर से गुजरते हैं। यह उनके जीवन की ऐसी बुनियाद होती है जिसमें जो छात्र जितना विनम्र, संस्कारिक, उत्साह से भरा एवं जीवन में कुछ नया करने का दमखम लेकर चलते हैं उनके लिए सफलता के द्वार स्वयं ही खुलते रहते हैं। ऐसे विचारों का छात्र संघ महाविद्यालय में न केवल गरीब छात्र-छात्राओं के लिए एक बड़ा सहारा बनता है बल्कि अपने कार्य और व्यवहार से हर छात्र में यह होड़ लगी रहती थी कि कैसे वे अपने महाविद्यालय का नाम गौरवान्वित करें। इन छात्रों के व्यवहार में इतनी विनम्रता होती थी कि प्रशासनिक अधिकारी हो या अन्य नेता उनकी दिल से इज्जत किया करते थे।
तब पिथौरागढ़ जिले में रहते हुए जब जिलाधीश डॉ अनूप पांडे (वर्तमान में भारत सरकार के सूचना आयुक्त) से जब स्वामी विवेकानंद राजकीय महाविद्यालय के छात्र संघ अध्यक्ष भास्कर मुरारी (वर्तमान शासकीय अधिवक्ता) अपने सहयोगियों के साथ लोहाघाट के विश्रामगृह में शिष्टाचार मुलाकात कर महाविद्यालय के विकास हेतु एक लाख रुपए की डिमांड लेकर गए थे। श्री मुरारी के शालीन व विनम्र स्वभाव तथा बात करने की अदाकारी से डॉ पांडे इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने उनकी मांग पूरी करते हुए उन्हें एक लाख रुपए और यह कर कर दिए कि यह आपके छात्र संघ के व्यवहार व छात्रों के प्रति समर्पण भाव का इनाम है ।डॉ पांडे ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की जिस महापुरुष के नाम से महाविद्यालय संचालित हो रहा है, उनके व्यक्तित्व की चमक से यहां पढ़ने वाले छात्रों का जीवन आलोकित हो रहा है तो ऐसे महाविद्यालय के छात्रों की हर समस्या का निराकरण एक जिलाधीश के रूप में मेरी नैतिक जिम्मेदारी है ।जिससे यहां पढ़ने वाले छात्रों के भविष्य निर्माण में कोई बाधा उत्पन्न न हो।