लोहाघाट। ईश्वर की माया ही अपरंपार है। कब सुदामा के घर में श्री कृष्ण के रूप में कौन प्रकट हो जाए और किसी की भलाई के लिए कौन आ जाए इस प्रकार की मनोवृति के तार तो ऊपर वाले के यहां से जुड़े रहते हैं मातृ नवमी के अवसर पर पूर्वांचल के पुराने के मर्वज्ञ एवं प्रसिद्ध कथा वाचक आचार्य प्रकाश कृष्ण शास्त्री ने नाकोड़ा के प्राचीन मंदिर में हुई भागवत कथा में अर्जित एक लाख रुपए से अधिक की धनराज को अपनी माता भुवनेश्वरी देवी वह पिता पंडित दया कृष्ण शर्मा के हाथों एक गरीब कन्या के विवाह पूजा पाठ करने वाले गरीब ब्राह्मणों को वितरित किया वैसे आचार्य श्री द्वारा भागवत भक्त मंडल के माध्यम से ऐसी दर्जनों गरीब कन्याओं के हाथ पीले करने के अलावा गरीबों की विभिन्न रूपों में मदर-ट्रीट की जाती रही है आचार्य श्री का कहना है कि इस प्रकार के जो भाव पैदा होते हैं उसकी प्रेरणा ईश्वर से ही मिलती है और किसी भी पुण्य कार्य करने पर उसके गवाह भगवान ही होते हैं इसलिए हर समर्थ समान व्यक्ति को एक दूसरे का सहारा बनना चाहिए क्योंकि भगवान की ने तो उसे ही सेवा करने का निमित्त बनाया हुआ है इस अवसर पर गोविंद शर्मा समाजसेवी शिवराज सिंह बोरा टीकाराम शर्मा कैलाश महाराणा आदि लोग मौजू