लोहाघाट।पहाड़ के लोग यहां की माटी में पले होने के बाद यदि विशेषज्ञ डॉक्टर हो जाए तो पहाड़ की ओर ही पीठ कर देते हैं लेकिन हजारों किलोमीटर दूर स्वामी विवेकानंद जी की कार्यस्थली पश्चिम बंगाल की 30 वर्षीय महिला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर मृणालिनी मजूमदार यहां स्वामी जी के सिद्धांतों के अनुसार नर को नारायण मानकर जन सेवा करती आ रही है।इन्होंने तीन माह पूर्व लोहाघाट के उप जिला चिकित्सालय से अपनी सरकारी सेवा शुरू की थी इस दौरान उन्होंने डेढ़ दर्जन ऐसे क्रिटिकल ऑपरेशन कर महिलाओं की जान बचाई है जिसके लिए पहले उन्हें हल्द्वानी जाना पड़ता था इसके अलावा बच्चेदानी की ऑपरेशन आदि सभी कार्य ऐसी भावनाओं से किया जा रहे हैं जिससे न केवल सभी ऑपरेशन सफल हुए हैं बल्कि महिला रोगियों का रिफर होना भी बंद हो गया। डॉक्टर मृणालिनी का व्यवहार इतना मधुर है कि आधा रोग तो वह अपने व्यवहार से ही लील लेती हैं।

लोहाघाट।रेडियोलॉजिस्ट डॉ ललित मोहन रखोलिया ऐसे पारिवारिक संस्कारों में पले हुए हैं कि रेडियोलॉजिस्ट के अभाव के चलते इनको कई अस्पतालों में जाकर काम करना पड़ता था लेकिन इनके चेहरे में कभी न थकान देखी गई और नहीं कोई तनाव। अकेले एक ही दिन में उनके द्वारा 100 तक गर्भवती महिलाओं को देखा जाता है डॉ एळ एम रखोलिया के अग्रज डॉ टीडी रखोलिया ने जहां हजारों नेत्र रोगियों के ऑपरेशन का रिकॉर्ड बनाया है वही सैकड़ो नेत्रहीनों को वह दुनिया दिखाते आ रहे हैं और जन सेवा करने के लिए उन्हें जीवनसाथी के रूप में ऐसी बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर रितु रखोलीया मिली है जो अपने कार्य व व्यवहार से चिकित्सा पेशे में अपनी अलग ही शान व पहचान बनाए हुए हैं। लगता है डॉ. रखोलिया दंपति को ईश्वर ने सेवा के लिए चार हाथ दे दिए हैं।
