लोहाघाट। लधियाघाटी के खरही गांव में चल रही श्रीकृष्ण लीला में लगातार श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़कर लोग कलाकारों का उत्साह वर्धन कर रहे हैं। शुक्रवार को यहां के रंगमंच में गोकुल में बाल रूप भगवान के जन्म होने पर हर खुशियां मनाई जा रही थी,दूसरी तरफ आकाशवाणी होने से कंस की लगातार चिंताएं बढ़ने लगी। उसने राज्य में पैदा हुए नवजात शिशुओं को मारने की योजना बनाई इसके लिए उसने पूतना को वेष बदलकर बच्चों को मारने के लिए कहा। पूतना गोपी का वेश धारण कर कई बच्चों का वध करने के बाद वह गोकुल गई जहां बालकृष्ण रूप में भगवान कृष्ण ने उसे अपनी लीला दिखाते हुए उसका अंत कर दिया।पूतना के मारे जाने के बाद कंस और भयभीत हो गया तथा उसने महाबली संकटासुर व तृणावर्त को भेजा। वह दोनों भी बाल रूप में अवतरित भगवान को मारने के लिए तो गये थे लेकिन प्रभु ने इन दोनों की जीवन लीला समाप्त कर दी।जिससे कंस अपना अंत निकट देखने लगा। पूतना का दुर्गा नाथ, नंद का चननाथ, यशोदा का सचिन शर्मा, सखियों का राखी, प्रियांशी, सुनीता, लक्ष्मी, दिया, रवीना, गुंजन ने शानदार अभिनय कर दशकों कि खुब तालियां बटोरी। आयोजन समिति की ओर से गोविंद शर्मा, जगत सिंह, खिलान्नद शर्मा, श्याम सिंह, दीवान सिंह, केदार सिंह, सचिन, नंदू कोटिया, जगदीश शर्मा, रमेश शर्मा आदि लोगों ने दर्शकों का स्वागत किया। लीला के आयोजन में क्षेत्रीय लोग बढ़ चढ़कर सहयोग कर रहे हैं।