लोहाघाट।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की परिकल्पना के अनुसार चंपावत को मॉडल जिला बनाने,यहां की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में आईटीबीपी की 36 वी बटालियन भी आगे कदम बढ़ा रही है। उत्तराखंड में पशुपालन सचिव डॉ पुरुषोत्तम एवं आईटीबीपी के महानिदेशक उत्तराखंड संजय गुंज्याल की संयुक्त पहल काफी लोकप्रिय होने के साथ एक नया मॉडल भी सामने आया है,जिसे अन्य हिमालयी राज्यों में भी अपनाए जाने के लिए हाथों हाथ लिया जा रहा है।इधर आईटीबीपी की 36वी वाहिनी के कमांडेंट डीपीएस रावत की मुहिम को यदि प्रशासनिक सहयोग एवं समन्वय के साथ क्रियान्वित किया जाए तो बटालियन परिसर में इंटीग्रेटेड एवं वर्टिकल फार्मिंग के प्रदर्शन के जरिए यहां के किसानों को सम्मानजनक ढंग से जीने की न केवल प्रेरणा मिलेगी बल्कि सरकारी नौकरी की तलाश में अपना समय बर्बाद कर रहे युवाओं को अपनी माटी से तिलक लगाने का भी अवसर मिलेगा।कमांडेंट के अनुसार बटालियन परिसर में जिला प्रशासन के तकनीकी सहयोग से यहां कम भूमि में अधिक उत्पादन अर्जित करने के लिए,मौनपालन,मत्स्यपालन,बेमौसमी सब्जियों,जड़ी बूटी,कीवी, सेब,अखरोट,केसर, फूलों की खेती के अलावा पर्यावरण को साफ सुथरा बनाए रखने के लिए ऑक्सीजन बैंक भी तैयार किया जाएगा। यही नहीं धरती को वनाच्छादित कर किस प्रकार जल स्रोतों का संरक्षण करने के उपाय किए जाए इसका भी प्रदर्शन किया जाएगा। यदि सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो पहाड़ों में शताब्दियों से ईश्वर द्वारा बद्री गाय के रूप में मिली मोबाइल डिस्पेंसरी पुनर्जीवित कर बद्री गाय भी पाली जाएगी। जिसका पुराणों में उल्लेख है कि इसके दूध से अधिक इसका मूत्र भी पौष्टिक होता है।कमांडेंट के अनुसार इन प्रदर्शनों का मुख्य उद्देश्य लोगो को अपनी माटी से जोड़ने के साथ पलायन रोकना है तथा सेवा निवृत्ति के बाद हमारे जवान भी इन कार्यों को अपने घर में संचालित कर अपनी आय बढ़ा सकेंगे।
अपनी ज़रूरतों के अनुसार स्थानीय स्तर पर सभी उत्पाद ख़रीदेगीं आइटीबीपी-महानिदेशक। लोहाघाट। आइटीबीपी के महानिदेशक संजय गुंज्याल के अनुसार स्थानीय लोगों को खेती से जोड़ने के लिए दूध,सब्जी,फल,मछली,बकरी,अंडा,आदि सभी शतप्रतिशत उत्पाद आईटीबीपी ख़रीदेगी।इसके लिए लोगों को न बाजार तलाशने की जरूरत होगी और न बिचौलियों का सामना करना पड़ेगा। हाड़ तोड़ मेहनत करने वाले लोगों को उनके श्रम का पूरा मूल्य भी मिलने लगेगा।