चंपावत। यदि सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो ईको पर्यटन के क्षेत्र में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की परिकल्पना का मॉडल जिला वैश्विक मानचित्र में उभर कर सामने आएगा। कार्बेट ट्रेल के जरिए जिले की विशिष्ट शान व पहचान बनाने के लिए यहां दो दिनी अंतरराष्ट्रीय सेमिनार आयोजित करने पर भी गंभीरता से विचार किया जा रहा है। डीएफओ नवीन चंद्र पंत ने अपने पद का कार्यभार ग्रहण करने के बाद ईको टूरिज्म की संभावनाओं पर अध्ययन करना शुरू किया है। श्री पंत का कहना है कि ईको पर्यटन के विकास के साथ रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए कॉर्बेट ट्रेल के लिए संबंधित लोगों से गहन विचार विमर्श कर कार्ययोजना तैयार की जा रही है, जिसमें ऐसी ईको हट की सुविधा होगी कि विदेशी पर्यटक बीस हजार रुपया किराया देने के बाद वन विभाग को धन्यवाद देगा। ठूलीगाड़ में पुलिस चौकी के पीछे बंजर पड़ी नर्सरी में भी ईको हट बनाने तथा चूका क्षेत्र को भी ईको पर्यटन मानचित्र में लाने की पहल शुरू की गई है। मानेश्वर पार्क की सुरम्य स्थिति का लाभ उठाते हुए यहां भी अंतरराष्ट्रीय स्तर के ईको हट बनाए जाएंगे। डीएफओ के अनुसार विभाग मौन पालन को ग्रामीण अर्थव्यवस्था का माध्यम बनाने के लिए पूर्ववर्ती डीएफओ श्री आर सी कांडपाल द्वारा शुरू किए गए प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए जिले में मौन बक्सों के माइग्रेशन की भी शुरुआत की जाएगी, जिससे दो गुना उत्पादन होने लगेगा। यहां के जैविक शहद की “हिमालय का अमृत” के रूप में ब्रांडिंग की जाएगी। उन्होंने बताया कि मायावती आश्रम के अंतरराष्ट्रीय महत्व को देखते हुए लोहाघाट से मायावती तक नौ किलोमीटर लंबे सड़क मार्ग का प्राकृतिक रूप से सौंदर्यीकरण कर इस कार्य में लोनिवि को पूरा सहयोग किया जाएगा। इस संबंध में अद्वैत आश्रम मायावती के अध्यक्ष स्वामी शुद्धिदानंद जी महाराज का भी मार्गदर्शन लिया जाएगा।