लोहाघाट। उत्तराखंड में युवाओं में बढ़ती नशे की लत पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए अद्वैत आश्रम मायावती के अध्यक्ष एवं प्रमुख विचारक स्वामी शुद्धिदानांद महाराज ने गंभीर चिंता व्यक्त की है। आश्रम द्वारा संचालित धर्मार्थ चिकित्सालय एवं अन्य माध्यमों से ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की निस्वार्थ एवं नर को नारायण मानकर की जा रही लगातार सेवा के दौरान यह बात सामने आई है कि उत्तराखंड की नई पीढ़ी जिस के कंधों में भविष्य का दारोमदार टिका हुआ है, वह विभिन्न प्रकार के नशों की चपेट में आते जा रहे हैं जिसके लिए पुलिस प्रशासन एवं नागरिकों को सामूहिक प्रयास करना होगा। उनका कहना है कि युवाओं का तेज, ओज, सामर्थ्य नशे के कारण ढलती जा रही है। युवाओं को नशे का आदी बनाने के लिए एक चक्रव्यूह रच कर उन्हें इसका शिकार बनाया जा रहा है। इसे तोड़ने के लिए सामूहिक प्रयासों की जरूरत है।
स्वामी विवेकानंद जी जिन युवाओं के लिए सपने देखते थे उन विचारो को आत्मसात किए जाने से ही युवा अपना भविष्य सुनिश्चित कर सकते हैं। विद्वान संत ने युवाओं की बदलती दिशा व दशा को सही राह दिखाने के लिए समाजके हर वर्ग का आवाह्नन किया है की जो व्यक्ति जहां पर भी है वे युवकों के भविष्य के साथ किये जा रहे क्रूर उपहास को समाप्त करने के लिए आगे आये।लोगों को यह नहीं सोचना चाहिए की इसमें हमारा बेटा शामिल नहीं है।उन्होंने उदाहरण दिया कि जैसे जंगल में लगी आग हरियाली को लील कर उसे श्मशान का रुप दे देती है।
स्वामी जी का मानना है कि देवभूमि के युवाओं में देवत्व छुपा हुआ है। उनके अंदर व्याप्त होती जा रही निशाचारी प्रवृत्ति को हर हालत में समाप्त किया जाना समाज के लिए ही नहीं नशे की गिरफ्त में आने से समाप्त होता जा रहा है युवाओं का तेज एवं ओज
