लोहाघाट। चंपावत को मॉडल जिला बनाने की सीएम धामी की परिकल्पना को जमीनी रूप देते हुए उद्यान विभाग ने जिले में ऐसी बुनियाद डाली है कि वह दिन दूर नहीं जब यह जिला सेब, लीची आदि का हव बनने के साथ यहां हौर्टि टूरिज्म की भी नई शुरुआत की गई है। विभिन्न गांवों में तैयार किए जा रहे इन फलों के बगीचों में यदि कुदरत मेहरवान हुई तो यह जिले की तस्वीर एवं लोगों की तकदीर बदलने के लिए ऐसे प्रयास किये जा रहे हैं । जिनकी देखा देखी अन्य लोग भी अपनी किस्मत बदलने का प्रयास करेंगे। उद्यान विभाग के दावों की सीडीओ संजय कुमार सिंह द्वारा हकीकत जानने के लिए जब फोर्ती,डुंगरी फर्तयाल,खैसकांडे,पाटन,मौत्यूराज के वनतोडी गांव में जाकर स्थलीय निरीक्षण किया तो,उन्होंने माना कि उद्यान विभाग के इस दिशा में किए जा रहे प्रयास इस मामले में भी सराहनीय है कि उन्होंने ऐसे नए उत्साही लोगों से सेब व कीवी मिशन की शुरुआत की है जिनमें कुछ नया करने का ऐसा जज्बा है जो पलायन कर चुके लोगों को यह दिखाना चाहते हैं कि दृढ़ इच्छा शक्ति एवं मजबूत इरादों के बल पर धरती से सोना उगलवाया जा सकता है। मौत्यूराज के वनतोडी तोक में जाकर सीडीओ को इस बात से हैरानी हुई की यहां नवउद्यमी नरेश करायात ने यहां 50 साल से छोड़ी गई अपने पूर्वजों की बंजर जमीन को आबाद कर यहां न केवल जंगल में मंगल कर दिया है बल्कि यहां 1400 एम-9 तथा एम- 111 प्रजाति के सेब, इसी प्रकार कीवी, अखरोट , नाशपाती , खुमानी ,पूलम आदि के पौध लगाने के साथ मत्स्य तालाब, गौशाला भी बनाई है। लोहाघाट -कर्णकरायत सड़क मार्ग में आनंद धाम से दो किलोमीटर दूर एवं ऐतिहासिक बाणासुर किले के पश्चिमी छोर में हार्टि टूरिज्म का पहला ऐसा प्रयास किया है जहां पर पर्यटक प्रकृति के नजारे का लुप्त उठाने के साथ उन्हें जैविक फल व अन्य चीजें खाने को मिलेंगे।
जिला योजना से अब इन काश्तकारों के यहां बड़े पाली हाउस उपलब्ध करने की योजना बनाई गई है। करायत का कहना है कि उद्यान विभाग की प्रेरणा और मार्गदर्शन ने उन्हें इस मुकाम में पहुंचाया है। पाटन गांव में कंचना जोशी, आशुतोष एवं राजीव ऐसे युवा हैं जिन्होंने 80नाली भूमि लीज मे लेकर उसमें फलोत्पादन, लिलियम फूल एवं आदि की खेती की जा रही है। लिलियम की पहली बिक्री दिल्ली के आजाद मार्केट में इन्हें मेहनत का फल मिलने से यह काफी उत्साहित है। सीडीओ के साथ डीएचओ टीएन पांडे, एडीओ उद्यान आशीष खर्कवाल आदि लोग शामिल थे। सीडीओ संजय कुमार सिंह का कहना है कि विभिन्न गांवों का दौरा कर काश्तकारों से मिला। जमीन में उद्यान विभाग ने जो प्रयास किए हैं उसे देखकर यह दावे के साथ कहा जा सकता है कि जिले के लोगों के कदम सुनहरे भविष्य की ओर पड रहे हैं। लोगों के प्रयास एवं विभागीय पहल का ऐसा समावेश हो रहा है कि पलायन कर चुके लोग माटी का तिलक लगाने आकर उनकी तीसरी आंख खुल जाएगी। डीएचओ टीएन पांडे का कहना है कि उद्यान सब्जी उत्पादन फूलों की खेती के अलावा और हार्टि टूरिज्म के क्षेत्र में हमारे प्रयास जो रंग दिखा रहे हैं उसके लिए अब उत्तराखंड के लोग हिमाचल न जाकर चंपावत जिले मे आकर देखेंगे की किस प्रकार यहां लोगों ने खेत से जुड़कर स्वयं को रोजगार से जोड़कर दूसरों को रोजगार दे रहे हैं।