
लोहाघाट।के लधियाघाटी क्षेत्र में पिछले कई दिनों से बादल धरती के साथ लुका-छिपी का खेल रहे हैं। रवि की फसल की बुवाई के बाद से अब तक बरसात न होने के कारण रवि की फसल सूखने लगी है, जिससे काश्तकार चिंतित हैं। असिंचित क्षेत्र के लोगों की परेशानी ज्यादा बढ़ गई है।
रवि की फसल की बुवाई के बाद से अब तक बरसात की बूंद तक नहीं गिरी जिससे काश्तकारों द्वारा उगाई गई गेहूं, जौं, सरसों, मसूर आदि की फसल नष्ट होने की कगार पर है। जिससे काश्तकार मायूस होने लगे हैं काश्तकार रघुवर सिंह, दीवान सिंह,, योगेश चंद्र, भुवन चंद्र, दीपक शर्मा आदि ने बताया कि जनपद के विभिन्न गांवों में अधिकांश लोगों की आय का प्रमुख साधन कृषि ही है। बताया कि इससे पूर्व बेमौसम बरसात ने उनकी शाक भाजी से सब्जी के बीज गल गए थे तथा दोबारा शाक भाजी की बुवाई करने पड़ी। इसके बाद उन्होंने रवि की फसल की बुवाई की, परंतु बरसात न होने के कारण फसल बर्बादी की कगार पर है।
वहीं उद्यान प्रभारी मोहन सिंह बिष्ट ने बताया की जिन काश्तकारों द्वारा गेहूं की फसल बीमा कराया है उन्हें नियमानुसार सर्वे के बाद मुआवजा प्रदान किया जाएगा।
