
लोहाघाट। प्रशिक्षित बेरोजगार पशु मित्रों का धरना प्रदर्शन जारी है। एक वर्ष पूर्व यहां के 30 युवाओं को स्वरोजगार देने हेतु पीएम स्वरोजगार योजना के तहत आरसीटी द्वारा 2 माह का प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान उन्हे पशुओं के प्राथमिक उपचार कृत्रिम गर्भाधान, टीकाकरण, आदि कार्य का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया। इन पशु मित्रों का कहना है कि उन्हें यह कहकर प्रशिक्षण दिया गया कि प्रशिक्षण की 2 माह की अवधि पूरा होने के बाद उन्हें राष्ट्रीय पशु चिकित्सालयों व पशु सेवा केंद्रों में सेवाएं दी जाएंगी। प्रशिक्षण के बाद यह लगातार रोजगार देने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन करते आ रहे हैं, लेकिन इनकी कोई नहीं सुन रहा है। उनका कहना है कि ऐसे युवकों ने भी प्रशिक्षण में भाग लिया जो मैदानी क्षेत्रों में होटल आदि में काम कर रहे थे। इनके द्वारा लगातार रोजगार के लिए आंदोलन किए जाने के बावजूद भी संबंधित विभाग द्वारा इन्हें यह नहीं बताया जा रहा है कि इन्हें कैसे रोजगार मिलेगा?
इस संबंध में आरसेंठी के निदेशक आरपी टम्टा से वार्ता करने पर उनका कहना था कि आरसेठी द्वारा इन्हें इस शर्त पर प्रशिक्षण नहीं दिया गया कि प्रशिक्षण के बाद इन्हें रोजगार में लगाया जाएगा। उनका कहना है कि उनके संस्थान का कार्य भारत सरकार की योजना के तहत विभिन्न कार्यों का युवक एवं युवतियों को प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वरोजगार के लिए अपने पैरों में खड़ा करना है। इसमें प्रशिक्षित कई युवकों को वाइफ में रोजगार मिला है।तथा वे स्वयं उन्हें रोजगार से जोड़ने के लिए विभिन्न विभागों में संमन्वय भी स्थापित कर रहे हैं। इधर प्रशिक्षण ले चुके युवकों ने पशु मित्र संगठन भी बनाया है। संगठन के अध्यक्ष पंकज आर्य के नेतृत्व में लोहाघाट कचहरी में धरना प्रदर्शन कर रहे गिरीश ढेक,हिमांशु तिवारी,रमेश भट्ट, भूमि पुजारी, माया पुनेठा, मीना देवी, मुकेश पंत अमित कालाकोटी,प्रकाश बोहरा आदि का कहना है कि वे रोजगार मिलने की आस में एक वर्ष से आंदोलन कर रहे हैं जिसमें उनके आने जाने में ही काफी धन खर्च हो गया है।

Kudos to the writer for providing such a comprehensive piece. Thank you for sharing your expertise!