लोहाघाट। योग एवं प्राणायाम की शरण में आई महिलाओं के स्वास्थ्य में व्यापक परिवर्तन ही नहीं आया है बल्कि उनमें नई सोच व उनके आचार, विचार व संस्कारों में भी व्यापक परिवर्तन देखा गया है। योग साधिका सोनिया आर्या के नेतृत्व में नियमित योगाभ्यास करने वाली महिलाएं इस दफा नए अंदाज में दीपावली की खुशियां बाटेंगी। आयुर्वेदिक चिकित्सालय के योगा हांल में आयोजित महिलाओं ने आपसी संवाद करते हुए कहा कि महिलाओं का दर्द तो महिला ही जानती हैं। अब हर घर को दीपावली पर्व के नाम पर खेले जाने वाले जुए, शराब एवं अन्य प्रकार के नशों को समाप्त करने, पटाखों का कम से कम प्रयोग करने के लिए बच्चों को प्रेरित करेंगी। इसके बदले वह गरीब बच्चों व महिलाओं को उपहार देकर उनके चेहरों में दीपावली की खुशियां लाएंगी।
कमलेश उप्रेती, संगीता शर्मा, रेखा बोहरा, जानकी अधिकारी, मीना खर्कवाल, चंद्रा ओली, रेखा जोशी, शुभम मुरारी का कहना था कि हिंदू पर्व और त्योहारों की खुशियों को सामाजिक विकृतियों ने निगल लिया है। आज कुछ लोग युवाओं को नशे से बर्बाद करने मे तुले हुए हैं। यदि इस महामारी की तरफ फैल रहे जानलेवा रोग को महिलाओं ने समय से नहीं रोका तो बाद में हाथ मलने के अलावा कुछ नहीं मिलेगा। हेमा मुरारी, उषा इजरवाल, भावना मुरारी, बबीता जोशी, डौली वर्मा, अंजू देवी, निर्मला ओली, सुनीता खर्कवाल, सुमन वर्मा का कहना था कि जिस घर में वृद्ध आमा – बूबू, सांस – ससुर प्रसन्न रहते हैं उस घर में हर वक्त दीपावली जैसी खुशियां बनी रहती है। हर बुजुर्गो का मान और सम्मान बना रहता है, इन्हीं भावनाओं को हम पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ाते चलेंगे तो इससे हम सबकी पारिवारिक व्यवस्था में काफी बदलाव एवं घर को सुरक्षा कवच मिलेगा। इस अवसर पर महिलाओं ने योग अनुदेशिका का दिल की गहराइयों से आभार जताते हुए कहा उनका सान्निध्य जब से उन्हें मिला है, हम में शारीरिक, मानसिक एवं वैचारिक ऐसा परिवर्तन आया है कि अब हम दूसरों की खुशियों को अपनी खुशियां मान कर जीवन जीने की ओर आगे बढ़ रही है।
