चंपावत। उत्तराखंड के राज्यपाल अवकाश प्राप्त लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह गुरुनानक देव जी महाराज के प्रकाश पर्व के अवसर पर उन्होंने अपनी आंखों से रीठा साहिब के उस चमत्कार को देखा जिसमें गुरु नानक देव जी ने चौथी उदासी के दौरान रीठा साहिब में अपनी आध्यात्मिक शक्ति के बल पर कड़वे रीठे में मिठास भर दी थी। वहीं उन्होंने लधिया नदी के अहंकार को समाप्त करने के लिए रतिया नदी को ताकत देकर उसके प्रवाह को बदल दिया था। राज्यपाल बनने के बाद यह उनका पहला दौरा था। यहां गुरुद्वारे से निकल रही आध्यात्मिक ऊर्जा की महक से राज्यपाल ने स्वयं को ईश्वरीय सत्ता के निकट पाया उन्होंने दरबार साहिब में मत्था टेक कर विश्व कल्याण के लिए मन्नते मांगी। गुरुद्वारा प्रबंधक बाबा श्याम सिंह, प्रबंधन समिति के अजीत पाल सिंह, मलकीत सिंह, दिलबाग सिंह, गुरुवंत सिंह आदि ने उनका दरबार हॉल में स्वागत किया तथा उन्हें सरोपा व कृपाण भेंटकर सम्मानित किया। सरदार अजीत पाल सिंह ने उन्हें इस ऐतिहासिक स्थल की जानकारी देते हुए पहली बार राज्यपाल के आगमन पर सिख समाज की ओर से उनका भावपूर्ण स्वागत किया।अपने स्वागत से अविभूत राज्यपाल ने कहा वह अपने को भाग्यशाली मानते हैं कि आज यहां ऐसे दिन गुरु महाराज ने बुलाया है जहां उन्होंने शताब्दियों पूर्व यहां अपने चरणों से इस धरा को सुगंधित कर दिया था। उन्होंने कहा गुरु महाराज ने गुरबाणी के माध्यम से पूरी मानवता को प्रेम और सेवा की डोर में बांधकर जो उपदेश दिए थे, उसे आज पूरी दुनिया अंगीकार कर रही है। राज्यपाल ने जोगनप्रीत सिंह, निर्मल सिंह, हरविंदर सिंह एवं सुरेंद्र सिंह द्वारा मधुर वाणी में किया गया सबद कीर्तन सुनकर अपनी आत्मा को परमात्मा से जोड़ा। बाद में उन्होंने संगत के साथ लंगर भी चखा। इससे पूर्व हेलीपैड में राज्यपाल का जिलाधिकारी मनीष कुमार, एसपी अजय गणपति, सीएमओ डॉक्टर देवेश चौहान, सीडीओ डॉ जीएस खाती, करनल उमेद सिंह, एसडीएम अनुराग आर्य, गुरुद्वारा प्रबंधक श्याम सिंह समेत नानकमत्ता व दिल्ली से आए सिख संगत द्वारा उनका स्वागत किया गया ।गुरु नानक जयंती के अवसर पर गुरुद्वारा प्रबंधक द्वारा बाहर से आए सभी लोगों का सरोपा भेंट कर सम्मानित किया।
