लोहाघाट। प्रमुख शिक्षाविद एवं गढ़वाल विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त प्रो डॉ श्रीकृष्ण खर्कवाल द्वारा लिखित “लोहाघाट यादों के झरोखे से” पुस्तक का समारोह पूर्वक जिलाधिकारी नरेंद्र सिंह भंडारी ने लोकार्पण किया। उन्होंने कहा डॉ खर्कवाल ने इस उम्र में अपनी जन्मभूमि लोहाघाट के गौरवशाली अतीत को जिस रूप में परोसा है उससे इस सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक नगरी के भूत व भविष्य की जानकारी मिलती है। लोहाघाट वास्तव में ऐसा सुकुमार नगर है जहां प्राकृतिक वैभव के बीच प्रतिभाएं छिपी हुई है। नगर पालिका के चेयरमैन गोविंद वर्मा की अध्यक्षता तथा शिक्षक नरेश राय के संचालन में हुए समारोह की शुरुआत मुख्य अतिथि द्वारा दीप प्रज्वलित कर की गई। योगाचार्या सोनिया ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। 108 पृष्ठ की पुस्तक को डॉ खर्कवाल ने अपनी पूज्य माताश्री चंचला देवी एवं पिताश्री प्रेम बल्लभ खर्कवाल को समर्पित किया है। डा खर्कवाल ने मुख्य अतिथि समेत समारोह में मौजूद सभी बुद्धिजीवियों का स्वागत करते हुए कहा कि इस पुस्तक के माध्यम से उन्होंने लोगों का अपने अतीत से जोड़ने का प्रयास किया है कि किस प्रकार यहां साधनों व सुविधाओं के अभाव के बीच लोगों में परस्पर प्रेम एवं एक दूसरे के पूरक बनकर यहां की धार्मिक, सांस्कृतिक, पौराणिक विरासत को संरक्षित किए हुए हैं।
विशिष्ट अतिथि पीजी कॉलेज की प्राचार्या प्रो संगीता गुप्ता, एडवोकेट नवीन मुरारी ,डॉ सुमन पांडे ने अपने विचार व्यक्त करते हुए डॉ खर्कवाल के प्रयासों की सराहना की।जिन्होंने अपनी पुस्तक के माध्यम से युवा पीढ़ी को अतीत से जोड़ने की सराहनीय पहल की है। त्रिभुवन पुनेठा, कैप्टन खीमानंद राय, जगराज सिंह देवपा, आर सी पांडे, पूर्व चेयरमैन रमेशलाल साह, डॉ अरुण पुनेठा, डीडी पांडे किरण पुनेठा आदि ने डॉ खर्कवाल को बधाई दी। इस अवसर पर राजकीय पीजी कॉलेज, बीआईटीएम, केंद्रीय विद्यालय, राजकीय पॉलिटेक्निक समेत तमाम संस्थाओं तथा पिथौरागढ़ व चंपावत से बड़ी संख्या में शिक्षाविद मौजूद थे। डॉ खर्कवाल ने मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह भी भेंट किया। उनके भतीजे एवं व्यापार संघ के पूर्व अध्यक्ष नवीन खर्कवाल ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।