लोहाघाट – एक ही विभाग, एक ही नियुक्ति अधिकारी व एक जैसा प्रशिक्षण लेने वाले उच्च प्राथमिक के शिक्षक टैबलेट सुविधा से वंचित करने पर नाराज है। उनका कहना है कि समान कार्य व समान व्यवहार तथा समान सेवा शर्तो के साथ सेवा करने वाले बेसिक शिक्षा विभाग में शासन द्वारा दोहरा मापदण्ड अपनाया गया है। एक ओर जहां प्राथमिक शिक्षकों को दस हजार रुपए लागत के टैबलेट वितरित किए गए है दूसरी तरफ इस सुविधा से उच्च प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों को वंचित रखकर उनके साथ भेदभाव किया गया है। हालांकि महानिदेशक शिक्षा द्वारा एहसास करते हुए चरणबद्ध तरीके से जूनियर शिक्षकों को लाभान्वित करने का संकेत दिया है।शिक्षा व शिक्षण तथा शिक्षार्थियों के लिए दैनिक संवाद में डिजिटल प्लेटफार्म का उपयोग कर रहे शिक्षक खासे खफा है। सोशल मीडिया का सदुपयोग कर राज्य में शैक्षिक संवाद को बढ़ावा दे रहे स्वैच्छिक स्वयंसेवी शिक्षकों के समूह मिशन शिक्षण संवाद उत्तराखण्ड के संस्थापक व शैक्षिक नवाचारी संवाद उत्तराखण्ड के टीम मोटीवेटर लक्ष्मण सिंह मेहता ने इस संदर्भ में महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी से दूरभाष पर संपर्क संवाद किया। श्री मेहता ने आधुनिक समय में शिक्षा में आई सी टी के उपयोग को देख टैबलेट की आवश्यकता को डीजी के सम्मुख रखा। महानिदेशक ने कहा कि चरणबद्ध तरीके से उच्च प्राथमिक के शिक्षकों को भी उपलब्ध कराए जाएंगे।