स्वामी जी के आदर्शों की शक्ति से ही मुझ जैसे गरीब एवं झोपड़ी में रहने वाले युवा को मिली अपूर्व सफलता – सागर
लोहाघाट। स्वामी विवेकानंद जी भले ही 39 वर्ष की अल्पायु में ही समादिष्ट हो गए थे किंतु वह मानव कल्याण एवं युवाओं के लिए विरासत में ऐसा ज्ञान व दर्शन…
