पहले सुखा और अब भारी वर्षा ने तोड़ कर रखी दी है किसानों की कमर।
चंपावत। पहले सुखा उसके बाद लगातार वर्षा ने तो किसानों को कहीं का नहीं रख दिया है। सही मायनों में देखा जाए तो किसानों के पास आजीविका चलाने के लिए…
सच वही जो हमने कहा
चंपावत। पहले सुखा उसके बाद लगातार वर्षा ने तो किसानों को कहीं का नहीं रख दिया है। सही मायनों में देखा जाए तो किसानों के पास आजीविका चलाने के लिए…