हिंदी को किसी की दया की जरूरत नहीं, यह तो पर्वतों से निकलने वाली उस नदी की तरह बढ़ रही है, जो किसी से नहीं पूछती की समुद्र कहां है ?
लोहाघाट। हिंदी भाषा को किसी की दया की जरूरत नहीं है। साल भर अंग्रेजियत में दूबे लोग, हिंदी दिवस पर उसका महत्व बताने लगते हैं। हिंदी हमारी जुबान की भाषा…