लोहाघाट। पीएम मोदी के आगमन की आहट से जौलिंगकौंग में सीमावर्ती क्षेत्र के कायाकल्प की घंटी बज चुकी है। आजादी के बाद यहां के लोगों ने सोलह हजार फीट की ऊंचाई में टेलीफोन की घंटी बजते हुए सुना है। पीएम के उनके निर्वाचन क्षेत्र में दौरे को लेकर सांसद अजय टम्टा का कहना है कि जिस प्रकार महापुरुषों के जहां चरण पड़ते हैं, वहां तीर्थ बन जाता है। ठीक उसी प्रकार युगावतार मा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ एवं चंपावत जिलों के दौरे से कैलाश मानसरोवर की तर्ज पर आदि कैलाश के साथ कई ऐसे शिवधाम विकसित होंगे, जो आज तक शिव भक्तों की दृष्टि में ओझल बने हुए थे। पीएम के तीन जिलों के दौरे को पीएमओ से हरी झंडी मिलने के बाद सांसद टम्टा ने भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य सतीश चंद्र पांडे के आवास में हुई खास मुलाकात में बताया कि गढ़वाल के चार धामों की तर्ज पर अब कुमाऊं में भी नए शिव व पार्वती धाम विकसित होने के द्वार खुल जाएंगे। मा. प्रधानमंत्री का यह दौरा कई मायनों में ऐतिहासिक एवं अविस्मरणीय होने के लिए पूरी तरह आश्वस्त श्री टम्टा ने कहा कि अब पलायन का दंश झेल रहे सीमांत एवं सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण सीमा से जुड़े गांवों के लिए नया सवेरा आने जा रहा है। उन्होंने कहा सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों का कितना महत्व है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जब सारा देश सोया रहता है तब सीमाओं में रहने वाले लोग जागते हुए हमारी रक्षा पंक्ति को मजबूत करते आ रहे हैं। अब सीमा क्षेत्र में पर्यटन, धार्मिक पर्यटन, साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में नए युग की शुरुआत होने के साथ यहां जीवन की जटिलतायें कम होंगी। वैसे प्रधानमंत्री जी भले ही यहां के सीमांत गांवों से पहली बार रूबरू हो रहे हैं, किंतु जब युवावस्था में ही उन्होंने संन्यास ग्रहण करने का इरादा बनाते हुए राजकोट में श्रीरामकृष्ण मिशन आश्रम के अध्यक्ष स्वामी आत्मास्थानंद जो उनके गुरु थे, उनसे उन्होंने सन्यास ग्रहण करने की अपनी इच्छा जताई थी। तब स्वामीजी ने उन्हें धैर्य रखने की सलाह देते हुए कहा कि ईश्वर ने आपको बहुत बड़े अन्य काम के लिए भेजा हुआ है। स्वामी जी की बात मानते हुए उन्होंने हिमालयी क्षेत्र में योग, साधना करने के साथ यहां के आवेश एवं परिवेश को नजदीक से समझा है। यही वजह है कि आजादी के बाद मोदी जी पहले प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने पीएम के रूप में सर्वाधिक उत्तराखंड का दौरा कर इसे अपना मायका एवं ऊर्जा का केंद्र मान लिया है। प्रधानमंत्री जी के यहां आगमन से लोगों को विकास के रूप में ऐसे उपहार मिलेंगे, जिसकी स्वयं लोगों ने कल्पना तक नहीं की होगी। कई गुमनाम स्थल रोशनी में आएंगे। गढ़वाल एवं कुमाऊं के बीच सड़क, रेल संपर्क बढ़ाने के साथ हवाई सेवा, संचार सुविधाओं का विस्तार होगा, जिससे हमारी रक्षा पंक्ति और मजबूत होगी तथा सीमा से जुड़े गांवों के लोगों की भविष्य की आशाओं को मजबूती मिलेगी। इसके अलावा यहां स्थानीय स्तर पर रोजगार के तमाम नए अवसर मिलने लगेंगे। सांसद टम्टा ने कहा कि वह अपने को खुशनसीब मानते हैं कि उनके निर्वाचन क्षेत्र के दुर्गम स्थलों में आजादी के बाद किसी प्रधानमंत्री का आगमन उनके लिए ऐसा अविस्मरणीय होगा, जिसे वे कभी नहीं भूल सकते हैं।