लोहाघाट। संगीत, लोक कला, साहित्य को ऊंचे पायदान में पहुंचाने के साथ अब योग एवं प्राणायाम के माध्यम से विभिन्न रोगों से ग्रसित महिलाओं को राहत पहुंचा रही, सोनिया आर्या को ईश्वर से ऐसा गुण मिला है कि वह दूसरों के चेहरे में खुशी लाने पर उनकी खुशी कई गुना बढ़ जाती है। आज के सामाजिक जीवन में व्यक्ति अपने दुखों से कम, दूसरों को सुखी देखकर अधिक दुखी है। आज के ऐसे सामाजिक परिवेश में रह रही महिलाओं को सोनिया योग व प्राणायाम के जरिए उनका हृदय परिवर्तन कर उन्हें आरोग्य प्रदान करने में सफल होती जा रही है।
योग अनुदेशक के रूप में अपनी सेवाएं देने के बाद यह महिलाओं को प्रकृति से जोड़ने,नियमित दिनचर्या, सात्विक भोजन एवं सकारात्मक विचारों को अपने मन में रखने के साथ नियमित योग व प्राणायाम के जरिए बगैर किसी दवा की उन्हें आरोग्य प्रदान कर रही है।
सोनिया की योग कक्षा में अब नियमित रूप से चार दर्जन महिलाएं स्वास्थ्य लाभ उठा रही हैं। जबकि 200 से अधिक महिलाएं उनसे जुड़ी हुई है। सोनिया का कहना है कि वह अपने को भोग विलास की वस्तु न मान कर सृष्टि की ऐसी रचनाकार “मां” जिसके पैरों के तले एवं आंचल में पूरा ब्रह्मांड समाया हुआ है। नियमित योग में शामिल मुन्नी जोशी का मरकटासन करने से उनका सर्वाइकल पूरी तरह समाप्त हो गया है। जबकि संगीता शर्मा, रेखा बोरा, रेखा जोशी, निर्मला ओली, मीना मुरारी, दीपा जोशी, लीला खर्कवाल,कमलेश उप्रेती, गीता, नेहा गीता बिष्ट आदि का कहना है कि उन्हें श्वेत प्रदर, कमर दर्द, माइग्रेन, जोड़ों के दर्द, कब्ज, सर्वाइकल,उदर रोग, नींद ना आना, उच्च व निम्न रक्त चाप आदि तमाम रोगों से राहत मिल चुकी है। सोनिया का मानना है कि महिलाओं में सकारात्मक ऊर्जा के प्रवेश से उन्हें आरोग्य मिलने में बड़ी मदद मिली हैसकारात्मक सोच ऐसी प्राकृतिक विदा है, जो व्यक्ति को सदा रखती है आरोग्य- सोनिया।
