चंपावत। जिले के सुप्रसिद्ध गोरल चौड़ मैदान में चल रहे गोलज्यू महोत्सव में सांस्कृतिक चेतना मंच चंपावत से जुड़े कवियों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत कर दर्शकों की खूब तालियां बटोरीं। स्थानीय सांस्कृतिक सत्र के दौरान आयोजित हुए कवि सम्मेलन की अध्यक्षता बीएसएफ से सेवानिवृत वरिष्ठ कवि पुष्कर सिंह बोहरा और संचालन डा सतीश चंद्र पाण्डेय ने किया। इस दौरान कवि हिमांशु जोशी ने नई नई सी लगे धरा, नया नया आकाश,बौराया सा मन लगे, जैसे हो मधुमास ‘, हास्य व्यंग कवि प्रकाश चंद्र जोशी शूल ने ‘वो लिखता है तो लिखने दो, आड़ी तिरछी कलम उसकी घिसता है तो घिसने दो, डा अजय रस्तोगी अविरल ने ‘ बूंद बारिश की तन पर गिरी तो, लगा तुमने भेजा संदेशा चले आइए, भूपेंद्र देव ताऊजी ने ‘मेरि चंपावतै कि महिमा अपार, देखो देखो गोलज्यू को त्यार ‘ ललित मोहन ने ‘चेलि न मार पेट भीतर, चेलि हमारी देवि स्वरूपा ‘ पुष्कर सिंह बोहरा ने ‘रेल और मानव जीवन यात्रा होती एक समान, लौह पथ पर दोनों चलते, करते संघर्ष महान, डा सुमन पांडेय ने तोरण बंधने लगे, वन पक्षी मोर भी चहकने लगे, बबीता जोशी ने ‘चैत की चपल चराचर चित में, चंचल चंवर चकोर चपलाती, सोनिया आर्या ने ‘पहाड़ी जीवन में खटती नारी, दीपा पांडेय ने ‘कतुक मिठी मिसरी जसी, मायालि छु यो दुदबोली, हिमांशु ओली ने मेला लगा है मेरे शहर में तुम आओगे क्या, योगिता पंत ने ‘जय जय न्याय के देवता, जय गोलज्यू महाराज, अंकित भट्ट ने ‘नज्म ए गजल, कमला जोशी ने बूढ़ी आंखों में एक ख्वाब को सजते मैंने देखा था, डा सतीश चंद्र पाण्डेय ने ‘मेरे भारत की युवा शक्ति, मत हो शिकार नशे की तू, यह नशा तुझे निगल जायेगा’ पूजा रजवार ने ‘पहाड़ों से सीखा मैंने स्थिर रहना, हरी राम टम्टा ने ‘गेहूं थोड़ा पानी लेना, सम शीतोष्ण वायु की, तथा युवा कवि गौरव पांडेय ने तुझको नमन मेरे वतन, फूल हम तू है चमन, तेरी रक्षा को खड़े हम, तुझसे ही है यह तन मन, पंक्तियों से देश भक्ति की कविता सुनाई, कवियों ने श्रोताओं का मनोरंजन करने के साथ साथ समाज को नशे से दूर रहने, आपसी प्रेम और सदभाव बढ़ाने की प्रेरणा देने वाली कविताएं सुनाई। गोष्ठी के समापन पर नगर पालिका अध्यक्ष विजय वर्मा और अन्य सभासदों तथा आयोजन समिति के सदस्यों ने कवियों को अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया।