चंपावत! अधीनस्थ कृषि सेवा संघ जनपद स्तरीय कार्यकारिणी का एवं सदस्यों द्वारा शासन आदेश के क्रम में विकास भवन चंपावत में सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया गया साथ ही जिलाधिकारी चंपावत एवं मुख्य कृषि अधिकारी चंपावत के माध्यम से ज्ञापन देने का कार्य किया गया धरना प्रदर्शन में प्रांतीय महामंत्री अधिनस्थ कृषि सेवा संघ कुंदन सिंह मनोरा द्वारा संघ के सदस्यों को शासनादेश से अवगत कराते हुए इसके फलस्वरूप कर्मचारियों के हित में पड़ने वाले दुष्प्रभाव के बारे में चर्चा करते हुए कार्यक्रम का नेतृत्व किया और अपने संबोधन में बताया कि शासनादेश किसी भी हाल में स्वीकार्य नहीं होगा इससे कृषि जैसे महत्वपूर्ण विभाग के अस्तित्व को ही खतरा है।
कुमाऊं मंडल अध्यक्ष विजय शर्मा द्वारा कहा गया 2008 से पहले जब ए डी ओ ए जी भेजे विकासखंड में बीडीओ के अधीन हुआ करते थे तो कृषि कर्मीको को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता था जिसका विरोध करते हुए संगठन द्वारा 2008 में सिंगल विंडो सिस्टम लागू कराया गया जिसमें कृषि विभाग के विकासखंड स्तरीय न्याय पंचायत प्रभारी का प्रशासनिक नियंत्रण बी डी ओ से मुक्त रखा गया। परंतु आज फिर से उक्त शासनादेश द्वारा 2008 से पहले की व्यवस्था लागू की जा रही है जो बिल्कुल भी किसी कर्मचारियों एवं कृषक हित में नहीं है संगठन के जिला संरक्षक मनीष चंद्र नरियाल द्वारा कहा गया कि इस व्यवस्था से फील्ड कर्मियों के नियंत्रण अधिकारी विकासखंड प्रभारी कृषि के अलावा बीडीओ भी होगा जिससे अव्यवस्था होगी और फील्ड कर्मियों को मानसिक रूप से कई समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।
जनपदीय कोषाध्यक्ष अधीनस्थ कृषि सेवा संघ आशुतोष सिंह द्वारा संबोधित करते हुए कहा गया कि कृषि विभाग उत्तराखंड को लगातार तीन वर्षों से विभाग द्वारा उत्कृष्ट कार्य हेतु पुरस्कार भारत सरकार द्वारा दिया गया है विभागीय सूचनाओं को बदलने से कर्मचारियों के हित को आघात पहुंचेगा शिक्षकों के हित में भी प्रभावित होंगे।
अन्य संगठनों ने धरना प्रदर्शन का समर्थन किया जिसमें आशुतोष गुप्ता, अनूप कुमार विश्वकर्मा, कमल राना, साक्षी पांडे, राना सिंह, सुरजीत सिंह, तेज प्रकाश आदि उपस्थित रहे तथा कृषि कर्मचारियों की जायज मांगों का समर्थन किया।