चंपावत। जहां एक ओर पूरा देश भीषण गर्मी से तप रहा है, वहीं दूसरी ओर चंपावत के सिप्टी क्षेत्र के ओखलाढुंगा का कोइराताल भीषण गर्मी में लोगों को राहत दे रहा है। सिप्टी क्षेत्र के पीएलबी गोविंद महर ने बताया आजकल रोज कोईराताल में दिल्ली ,लखनऊ, नोएडा, हल्द्वानी, खटीमा, बरेली ,लोहाघाट से सैकड़ो की संख्या में पर्यटक परिवार सहित पहुंच रहे हैं और ताल में नहाने का आनंद उठाते हुए गर्मी से राहत पा रहे हैं। उन्होंने कहा कोईराताल आजकल पर्यटकों से गुलजार हुआ है। पर्यटक ताल में नहाने का भरपूर आनंद उठा रहे हैं पीएलबी गोविंद ने कहा लेकिन ताल में प्रशासन के द्वारा पर्यटकों के लिए सुविधा व सुरक्षा के लिए कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं जिस कारण दुर्घटनाओं का खतरा भी बना हुआ है उन्होंने बताया कुछ स्थानीय युवाओं के द्वारा सुरक्षा का जिम्मा संभाला है उन्होंने बताया पर्यटक अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ ताल में नहा रहे हैं अधिकांश पर्यटकों को तैरना तक नहीं आता है जिस कारण तालाब की गहराई काफी ज्यादा होने से खतरा भी बना हुआ है। उन्होंने कहा ताल की ओर जाने वाला रास्ता भी काफी टूटा टूटा है जिस कारण पर्यटकों को ताल तक पहुंचने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पीएलबी गोविंद महर ने कहा अगर प्रशासन पर्यटकों के लिए यहां पर्याप्त सुविधा दे तो कोईरा ताल प्रसिद्ध पर्यटक स्थल बन सकता है और स्थानीय युवाओं के रोजगार का जरिया भी उन्होंने प्रशासन से कोईराताल में पर्यटकों के लिए सुरक्षा के इंतजाम करने जैसे जल पुलिस की तैनाती व लाइफ जैकेट उपलब्ध कराने तथा मार्ग को ठीक कराने की मांग की है ताकि पर्यटकों के साथ कोई दुर्घटना ना हो सके और क्षेत्र के पर्यटन को भी बढ़ावा मिले और ज्यादा से ज्यादा पर्यटक कोईराताल में नहाने का आनंद ले सके। उन्होंने कहा जहां एक और भीषण गर्मी से कई नदिया व गधेरे सूख चुके हैं लेकिन कोईरा ताल पानी से लबालब भरा हुआ है मालूम हो कोइराताल आजकल सोशल मीडिया में छाया हुआ है और पर्यटकों व युवाओं की पहली पसंद बना हुआ है प्रशासन ने इसका फायदा उठाना चाहिए और ताल में सुविधाओं का विस्तार करते हुए पर्यटन के क्षेत्र में चंपावत जिले को देश में नंबर वन बनाने के मुख्यमंत्री धामी के सपने को पूरा करना चाहिए कोईरा ताल तक पहुंचने के लिए पर्यटकों को चंपावत जिला मुख्यालय से 17 किलोमीटर दूर सिफ्टी क्षेत्र के ओखलदूंगा गांव पहुंचना है जहां से मात्र 200 300 मीटर पैदल यात्रा कर ताल तक पहुंचा जा सकता है।