लोहाघाट। बाराकोट ब्लॉक अन्तर्गत वर्दाखान के भनतोला गांव के 1965 तथा 71 में हुए भारत-पाक युद्ध में दुश्मन के दांत खट्टे करने वाले वीर सैनिक आखिरकार मौत के सामने हार गया। उन्होंने 83 वर्ष के आयु में अपने आवास में अंतिम सास ली, उनका अंतिम संस्कार रामेश्वर घाट में किया गया, जहां बड़ी संख्या में लोगों ने अंतिम श्रंद्धाजलि दी, उनके पुत्र अंबादत्त, रेवाधर एवं दिनेश पंत के अलावा अनुज हरीश, गंगादत्त तथा चिंतामणि ने चिता को मुखाग्नि दी। स्वर्गीय पंत को भारत-पाक युद्ध के दौरान जांबाजी के लिए सेना मेडल सहित कई अन्य मेडल मिले थे, वह ऐसे सैनिक थे, जिन्होंने सेवानिवृत होने के बाद सेना में रहते हुए अर्जित ज्ञान अनुभव व अपने पुरूषार्थ का समावेश करते हुए, अपने गांव में बगैर समय गवाए आम, लीची, अमरूद, अंगूर आदि का ऐसा बाग तैयार किया, जिसमें वे पौधों की सिंचाई के लिए दो किलोमीटर दूर से पानी ढो कर लाया करते थे, उनके इस मॉडल बगीचे को देख कर अन्य लोगों को प्रेरणा एवं उनकी आंखें भी खुलती गई। तथा उन्होंने भी पंत का अनुशरण किया। उन्हें कई बार एक मेहनतकश किसान होने के लिए जिलाधिकारी नवनीत पाण्डेय द्वारा भी पुरस्कृत किया गया।
उनके निधन पर मुख्यमंत्री पुस्कर सिंह धामी, विधायक खुशाल सिंह अधिकारी जिला पंचायत अध्यक्ष ज्योति राय, ब्लॉक प्रमुख विनीता फर्त्याल, भाजपा कार्यकर्ता सतीश चंद्र पांडेय, पूर्व सैनिक लीग के अध्यक्ष कै.आर.एस देव आदि तमाम लोगो ने शोक व्यक्त किया है।
