चंपावत। जिला योजना में विभाग ऐसे प्रस्ताव रखें जो जनोपयोगी हों, जो इसी वित्तीय वर्ष में पूर्ण होकर जनता को उनका शत प्रतिशत लाभ मिले। बाल विकास विभाग जिले में वर्तमान में जो 681 आंगनबाड़ी केंद्र है, उनमें से इस वित्तीय वर्ष में 25 को मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र के रूप में विकसित करें। इसी प्रकार अगले वित्तीय वर्ष में भी इसी लक्ष्य को बढ़ाते हुए शत प्रतिशत आंगनबाड़ी केंद्रों को मॉडल आंगनबाड़ी के रूप में विकसित करें। इनमें सभी आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराए।
आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को शुरू से ही मानसिक, बौद्धिक व शारीरिक रूप से मजबूत करते हुए विभिन्न गतिविधियां सुचारू करते हुए उनके लिए बेहतर गुणवत्ता के शैक्षणिक खिलौने आदि सामग्री प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र में रखें। सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में पेयजल की अवश्य व्यवस्था हो। पेयजल विभाग द्वारा जिला योजना 2024-25 में प्रस्तावित योजनाओं की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने जल संस्थान एवं पेयजल निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत जितनी भी योजनाएं पूर्ण हो गई हैं उन्हें ग्राम उपभोक्त समिती को शीघ्र ही हस्तांतरित की जाए। जब तक यह योजनाएं ग्राम समिति को हस्तांतरित नहीं हो जाती तब तक जिला योजना में किसी भी प्रकार का प्रस्ताव न रखा जाए। जिलाधिकारी ने कहा की नगरीय क्षेत्रांतर्गत पेयजल लाइनों की मरम्मत, सुधारीकरण आदि के कार्यों को नगर पालिका अंतर्गत प्राप्त धनराशि से ही यह कार्य कराए जाएं। इस हेतु जल संस्थान संबंधित अधिशासी अधिकारी नगरपालिका के साथ समन्वय करते हुए कार्य कराएं।
बैठक में जिले के विभिन्न मोटर मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग अंतर्गत टनकपुर से घाट, लोहाघाट से देवीधूरा, सूखीढांक से रीठा, लोहाघाट से पंचेश्वर के मध्य जिन जिन क्षेत्रों में पेयजल की समस्या है विशेष रूप से कस्बों में सोलर हैंड पंप लगाए जाने हेतु जिला योजना में प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश जिलाधिकारी द्वारा पेयजल विभाग के अधिकारियों को दिए गए।
जिलाधिकारी ने कहा कि पुराने हैंडपंपों को सोलर हैंड पंप में परिवर्तित करने हेतु भी प्रस्ताव तैयार कर जिला योजना में प्राविधान करें।
जिलाधिकारी ने पूर्णागिरि मेला क्षेत्र ठूलीगाड़, भैरव मंदिर, टून्यास तथा काली मंदिर में पेयजल स्टैंड पोस्ट व आधुनिक प्याऊ लगाने के भी निर्देश अधिशासी अभियंता जल संस्थान को दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि दोनों विभाग अपना राजस्व बढ़ाने हेतु यूजर चार्ज लें । जिलाधिकारी ने कहा कि दोनों विभाग जिले के जिन क्षेत्र में पेयजल की अधिक किल्लत है और वर्तमान में टैंकर या अन्य वैकल्पिक व्यवस्था से पेयजल की आपूर्ति की जा रही है उन क्षेत्रों में पेयजल की स्थाई समाधान हेतु योजनाएं प्रस्तावित करें।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार सिंह, अर्थ एवं संख्याधिकारी दीप्त कीर्ति तिवारी, अधिशासी अभियंता जल संस्थान बिलाल युनुस, अधिशासी अभियंता पेयजल निगम वी के पाल सहित अन्य उपस्थित रहे।