लोहाघाट। मौसम के मिजाज को देखते हुए इस वर्ष की गर्मियों में नगर समेत ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को भीषण पेयजल संकट से गुजरना पड़ेगा। इस बात के संकेत अभी से मिलने लगे हैं।इस वर्ष अभी तक शीतकालीन अच्छी वर्षा नहीं हुई है। विगत माह यहां केवल 9 एमएम वर्षा ही रिकॉर्ड की गई,जो गत वर्ष की तुलना में 90 फ़ीसदी से भी बहुत कम है। लोहाघाट नगर को हालांकि चौड़ी पंप योजना, बनस्वाड़, फोर्ती, ऋषेश्वर नलकूप से जलापूर्ति की जाती है। सभी योजनाओं में जल स्तर में भारी गिरावट दर्ज की गई है। जल संस्थान के सहायक अभियंता पवन बिष्ट के अनुसार लोहावती नदी का जलस्तर अभी से बहुत कम हो गया है। जबकि नगर की अधिकतम आबादी को चौड़ी लिफ्ट योजना से ही जलापूर्ति की जाती है। बनस्वाड़ पेयजल योजना में पेयजल की चौथाई मात्रा रह गई है। यही हाल अन्य योजनाओं का भी है। नगर के लोग पहले से ही गंभीर पेयजल संकट के दौर से गुजर रहे हैं। नगर की आबादी के लिहाज से यहां 40 फ़ीसदी ही जलापूर्ति हो पाती है।जल संस्थान के अधिकारियों का कहना है कि विभाग के पेयजल भंडारण की व्यवस्था आपूर्ति की दृष्टि से बहुत कम है। फलस्वरूप हर तीसरे दिन लोगों को पानी मिल जाता है, वह भी केवल 45 मिनट ही बांटा जाता है।
कई मोहल्लों के लोग तो लगातार पांच दिन में एक बार पानी मिलने की शिकायत करते आ रहे हैं। यह लोग अपने दोपहिया और चार पहिया वाहनों से पानी ढोह रहे हैं। लोहाघाट नगर में गहराते पेयजल संकट को देखते हुए अब यहां नौकरपेशा लोग ही रहना नहीं चाहते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में भी अभी से जल संकट गहराने लगा है। जल संस्थान द्वारा नगरीय क्षेत्रों में जहां टैंकरों से जलापूर्ति की जाती थी, वहां टैंकर भरने के लिए अब घंटों इंतजार करना पड़ेगा। बाराकोट, पार्टी, रेगरू क्षेत्रों समेत लोहाघाट नगर के समीवरती गांव में पेयजल संकट पैदा होने लगा है। जल संस्थान द्वारा रायकोट गधेरे में खोदे गए नलकूप से जलापूर्ति किए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन इस योजना में कार्य शुरू होने से पूर्व राईकोर्ट के ग्रामीणों ने शर्त रखी थी कि सबसे पहले उन्हें पेयजल सुविधा दी जाएगी उसके बाद लोहाघाट नगर के लिए पेयजल ले जाया जाएगा। इस शर्त के अनुसार जल संस्थान पहले इस गांव की पानी की प्यास बुझाने के प्रयास में लगा हुआ है। इसके बाद वह लोहाघाट नगर को पेयजल सुविधा दी जाएगी।