लोहाघाट। होली जैसे सांस्कृतिक जागरण का ध्वजवाहक बनकर काली कुमाऊं के होलियारों ने सभी को मात दे दी है। मेरे राजनीतिक जीवन की शुरुआत करने में काली कुमाऊं के लोगों ने मुझे बड़ा संबल दिया है। आज की पाश्चात्य संस्कृति के अन्धानुकरण के कारण हमारी सामाजिक व्यवस्था व संस्कार प्रभावित होते जा रहे हैं, वहीं काली कुमाऊँ के लोगों ने अपने पूर्वजों की विरासत खड़ी होली को जीवंत रूप देकर आज उत्तराखंड में अपनी विशिष्ट शान और पहचान बनाई है। रावत ने कलीगांव, रायनगर चौड़ी, फोर्ती, रामलीला कमेटी, आदर्श नगर, ठाड़ादूँगा , बिशुंग के महिला व पुरुष होलियारों को शाल ओढ़ाकर उन्हें सम्मानित करते हुए कहा की उन्हें स्वयं पर गर्व हो रहा है उन्होंने काली कुमाऊँ के लोगो से अपना अटूट रिश्ता होने की बात दोहराते हुए कहा कि यहाँ के लोगो की जागरूकता एवं विकास की सोच से मुझे आगे बढ़ने की लगातार प्रेरणा व ताक़त मिली है। कार्यक्रम का संचालन प्रकाश मेहरा एवं जीवन मेहता ने किया इस अवसर पर पूर्व स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल, क्षेत्रीय विधायक खुशाल सिंह अधिकारी, पूर्व विधायक हिमेश ख़र्कवाल, जिला कांग्रेस के अध्यक्ष पूरण कठायत आदि लोग मौजूद थे।
इससे पूर्व रावत विधायक अधिकारी के आवास में गए तथा वहां चाय पर चर्चा करने के बाद नगर में जनसंपर्क कर लोगों का अभिवादन किया। रावत का जगह जगह लोगो ने ढोल नगाड़ों के साथ स्वागत किया। उन्होंने गांधी चौक में बापू एवं वीर कालू सिंह महरा चौक में मेहरा की मूर्ति में माल्यार्पण किया। विधायक अधिकारी ने कहा कि रावत उत्तराखंड के राजनीतिक क्षितिज के ऐसे नेता हैं जिनहोने अपनी राजनीतिक परिपक्वता, गहन सूझ बूझ के साथ व किसी पद पर रहे हो उन्हें अहंकार ने कभी छुआ तक नहीं।इस अवसर पर भागीरथ भट्ट, नवीन मुरारी, प्रहलाद अधिकारी, शैलेंद्र राय, किरण पुनेठा, सुधा ख़र्कवाल, सरोज पुनेठा आदि सैकड़ो लोग मौजूद थे
लोहाघाट। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भले ही अपने ही पार्टी में उन लोगों की नापसंद बनते जा रहे हैं, जिन्हें स्वयं रावत ने उनकी उंगली पकड़कर राजनीति सिखाई थी लेकिन आम लोगों में अपनी पैठ व लोगों को प्रभावित करने की क्षमता जो रावत में है वैसे दूसरे नेताओं में दूर तक नहीं दिखाई देती है। यह बात कांग्रेसजनों ने स्वयं कहीं। रावत के दौरे में कार्यकर्ताओं में नया जोश पैदा हो गया है। उनसे मिलने के लिए दूर दराज क्षेत्रों से लोगों का उनसे मिलना आना इस बात का संकेत है कि आज भी लोगों के दिलों में उनके लिए स्थान है।

