लोहाघाट। मौसम चक्र में आए बदलाव से पहाड़ों में भी आग उगलती धरती एवं गाड़ गधेरों, नौले-धारों के सूखते जलस्तर से यदि हमारी जल संरक्षण के प्रति जागरूकता नहीं बढ़ी तो भावी पीढ़ी हमें कभी माफ नहीं करेगी। भाजपा खेतीखान महिला मंडल की अध्यक्ष चंद्रकला मेहरा ने ग्रामीण महिलाओं को जागरूक करने के लिए एक अभियान शुरू किया है। चंद्रकला का कहना है कि जंगली आग के कारण वन्य जीवों का संसार ही उजड़ जाता है। सारे पशु पक्षी, कीट पतंगे जो जैव विविधता को सुरक्षित रखने के माध्यम होते हैं, पूरी तरह समाप्त हो जाते हैं। इससे न केवल महिलाओं की आजीविका का मुख्य साधन दुर्लभ जड़ी बूटियां आग की भेंट चढ़ जाती हैं वहीं इससे जंगलों में प्राकृतिक रूप से नव विकसित पौधे व वनस्पति भी जलकर खाक हो जाती है, जिसकी भरपाई करने में कई दशक बीत जाते हैं।
चंद्रकला के अनुसार पहाड़ के लोगों का जीवन ही जंगलों पर निर्भर रहा है। इसीलिए जंगलों को महिलाएं अपना मायका कहा करती हैं। जंगलों को आग से बचाने के लिए गांव की हर महिलाओं को सामूहिक सहभागिता के जरिए आगे आना होगा। यदि इस कार्य को हमने गंभीरता से नहीं लिया तो भावी पीढ़ी के लिए हम सूखे जंगल, सूखे जल स्रोत व ऐसा पर्यावरण छोड़ जाएंगे, जिसमें जीना मानव के लिए मुश्किल हो जाएगा।