
बाद मे जिलाधिकारी ने वैज्ञानिकों से विचार विमर्श किया कि किस प्रकार किसानों की आय दोगुनी की जा सकती है! डॉ0भूपेंद्र खड़ायत, उद्यान वैज्ञानिक डॉo रजनी पंत एवं डॉo पूजा पांडे का दावा था कि चंपावत जिले की भौगोलिक परिस्थितिया व जलवायु को देखते हुए यहां इंटीग्रेटेड फार्मिंग की अवधारणा बेहद कारगर है! यदि सामूहिक प्रयास किए जाएं तो किसान की आय चार गुना बढ़ सकती है! उन्होंने किसानों को अच्छा बीज व फल पौध दिए जाने पर विशेष जोर दिया! वैज्ञानिकों का कहना था कि केंद्र में मटर अर्किल व पी.एस 1100 प्रजाति स्थानीय बीजों की तुलना में चार गुना अधिक उत्पादन देती है! इसका केंद्र में परीक्षण सफल रहा है!सब्जी बीज हो या फलों का बीज अच्छी प्रजाति का होना जरूरी है! वैज्ञानिकों ने सभी जैविक उत्पादों पर विशेष जोर दिया!डीएम ने कहा कि वैज्ञानिको व जिला प्रशासन के बीच लगातार संवाद व जुगलबंदी बनी रहनी चाहिए! हमारा बुनियादी लक्ष्य यह होना चाहिए कि हम जनपद के लोगों की बेहतरी व उनका आर्थिक स्तर ऊंचा करने के लिए कितना मददगार बन सकते हैं!
