वैज्ञानिकों द्वारा इंटीग्रेटेड फार्मिंग के लिए चुने जाने के बाद डीएम करेंगे गांव में रात्रि विश्राम।
आजादी के बाद किसी डीएम का सीमावर्ती क्षेत्र के इस गांव का होगा पहला दौरा।

लोहाघाट ।कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों के दौरे के बाद सुर्खियों में आए नेपाल सीमा से लगे कायल गांव के अच्छे दिन आने शुरू होने लगे हैं। अब जिला अधिकारी नरेंद्र सिंह भंडारी द्वारा कायल गांव जाकर ग्रामीणों के साथ रात्रि विश्राम कर उन से सीधा संवाद कायम किया जाएगा। आजादी के बाद पहली बार किसी जिलाधिकारी का यह पहला दौरा होगा जहां आज तक डीएम को दूर किसी जिला या ब्लॉक स्तर के अधिकारी ने भी ग्रामीणों की कभी कोई सुध नहीं ली है ।डीएम के दौरे के बाद गांव को सड़क मार्ग से जोड़ने के प्रयासों में भी तेजी आने लगी है ।लोनिवि के अधिशासी अभियंता शिवाकर चौरसिया के अनुसार ग्यारह किलोमीटर लंबे इस सड़क मार्ग का प्रारंभिक समरेखण एसई द्वारा स्वीकृत किया जा चुका है ।सड़क मार्ग के निर्माण में साढ़े सात हेक्टेयर वन भूमि आ रही है ,जिसमें सात सौ पैंतीस साल व चीड़ के पेड़ हैं। वन विभाग को क्षतिपूर्ति के एवज में पंद्रह हेक्टेयर भूमि का चयन किया गया है ।इसके बाद यह पत्रावली आगे बढ़ती जाएगी। यह सड़क मार्ग के सीएम घोषणा पत्र में शामिल होने के कारण राज्य स्तर पर इसका शीघ्र निस्तारण की उम्मीद की जा रही है। सड़क के अभाव ने इस गांव की प्रगति को रोक रखा है ।जिस दिन यह सड़क बनेगी ,उसी दिन गांव के लोगों के लिए अच्छे दिन आ जाएंगे।
ग्राम पंचायत कायल के भोजनी तोक के लोगों की सिंचाई सुविधा की मांग के अलावा कायल लिफ्ट सिंचाई योजना की क्षतिग्रस्त हुई सात सौ मीटर लंबी गूल की मरम्मत होने की भी उम्मीद उम्मीद बड़ी है। भोजनी गांव के लिए यदि सोलर हाईड्रम न से सिंचाई सुविधा मिलती है तो इससे यहां की भी सोना उगलने वाली भूमि की प्यास बुझने से किसानों की आमदनी में काफी इजाफा आएगा।युवा ग्राम प्रधान मोहन सिंह का कहना है कि डीएम का गांव में रात्रि प्रवास किया जाना गांव के लोगों के लिए ऐतिहासिक दिन होगा उसी दिन यहां गांव के विकास की नई इबारत भी लिखी जाएगी ।कायल गांव की समस्याओं एवं यहां के लोगों के जीवन की जटिलताओं को उजागर करते आ रहे किसान नेता मोहन चंद्र पांडे का कहना है कि कायल को यदि जिले का पहला इंटीग्रेटेड फार्मिंग गांव बनाकर उसे मॉडल रूप दिया जाता है तो इसका प्रभाव समीपवर्ती गांव पर भी पड़ेगा।
फोटो-अच्छे दिन आने की बांट जोहता सीमावर्ती कायल गांव।
