चंपावत। बैठके चाय पानी बिस्कुट खाने के लिए नहीं होती है, इसमें लिए गए निर्णयो को तात्कालिक प्रभाव से लागू किया जाना चाहिए। जिलाधिकारी मनीष कुमार द्वारा अपने पहले जनता दरबार में ही लोगों को एहसास हो गया कि अब चंपावत का जिला प्रशासन “फुल क्विक एक्शन मोड “में आ गया है तथा उसके परिणाम भी मौके पर भी नजर आने लगे हैं। अपनी चार समस्याओं को लेकर आए चंपावत के एक युवा दीपक मेहरा का कहना था कि उनकी समस्याएं मौके में ही हल हो गई जिसके लिए वह लंबे समय से चक्कर काटते आ रहे थे। दीपक को इस बात पर काफी संतोष हुआ कि एक प्रभावशाली व्यक्ति द्वारा किए जा रहे हैं अतिक्रमण को उन्होंने तत्काल प्रभाव से रोकने के आदेश दिए। जिलाधिकारी ने राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारियों की कार्यों को टरकाने की प्रवृति पर उन्हें आड़े हाथों लेते हुए कहा मुख्य राजमार्ग के संवेदनशील स्थानों में खतरे के निशान लगाने एवं उन स्थानो में लाल झंडी लेकर व्यक्ति को खड़ा करने का यह कहते हुए निर्देश दिया कि जो कार्य विभाग को स्वयं करना चाहिए था, उसकी मांग यदि जनता कर रही हो तो इससे स्पष्ट होता है कि की विभाग आपदा की स्थिति को गंभीरता से नहीं ले रहा है।
उन्होंने सभी तकनीकी विभागो के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि कार्यों को लटकाने एवं टरकाने की प्रवृत्ति में यदि बदलाव नहीं आया तो आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाएगी। जिला अस्पताल में आयुष विंग के साथ किया जा रहे भेदभाव की शिकायत पर जिलाधिकारी ने तत्काल सीएमओ को निर्देश दिए कि उक्त विंग के लिए उपयुक्त स्थान में कमरों की व्यवस्था आज ही की जाए। सीएमओ ने आज ही आदेश का अनुपालन करने के लिए डीएम को आश्वस्त किया। डीएम का मानना था कि रोगी को आरोग्य मिलना चाहिए। चाहे वह किसी भी पैथी से मिले ।हालांकि जनता दरबार में 10 शिकायते ही सामने आई थी लेकिन 9 शिकायतों का मौके पर ही समाधान किया गया। एक समस्या भारत सरकार की होने के कारण उसे अग्रसर किया गया। जनता दरबार में पुलिस अधीक्षक अजय गणपति, सीडीओ डॉ. जीएस खाती, सीएमओ डॉ देवेश चौहान, एसडीएम अनुराग आर्या समेत तमाम विभागीय अधिकारी मौजूद थे।

By Jeewan Bisht

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