श्रीरीठासाहिहब। रमक गांव में ऐतिहासिक एवं पौराणिक सूर्य षष्ठी (साठी) महोत्सव शुरू हो गया है। इस अवसर पर डोला यात्रा निकली गई जिसमें आंचलिक परिधानों में बड़ी तादाद में महिलाएं भी शामिल थी। जिलाधिकारी नवनीत पांडे ने साठी महोत्सव का शुभारंभ करते हुए क्षेत्रीय लोगों को बधाई दि कि उनके द्वारा अनादिकाल से चली आ रही परंपरा को पीढ़ी दर पीढ़ी सौंपते हुए मेले का आध्यात्मिक व संस्कृतिक स्वरूप कायम किया हुआ है। उनका कहना था कि यहां आने पर उन्होंने अनुभव किया कि क्षेत्र में सड़क मार्ग के विस्तार के साथ यहां पर्यटन, धार्मिक पर्यटन, कृषि, बागवानी पशुपालन आदि की ऐसी संभावनाएं हैं जहां से अब लोगों को पलायन करने के लिए नहीं सोचना पड़ेगा। डीएम ने इससे पूर्व पारंपरिक रूप से पूजा की तथा लोगों के मंगलमय जीवन की कामना करते हुए यहां की सबसे बुजुर्ग नरूली आमा को साल उडाकर उन्हें मां की तरह सम्मान देते हुए आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर विभिन्न विभागों द्वारा स्टाल लगाए गए थे। डीएम ने हस्त निर्मित स्टॉल से सामान खरीद कर उनका उत्साह बढ़ाया। उन्होंने कहा क्षेत्रीय लोगों की समस्याओं व दिव्यांगों की दिक्कतो को देखते हुये, शीघ्र ही यहां शिविर लगाया जाएगा। इससे पूर्व आयोजन समिति के अध्यक्ष मंगल जोशी समेत तमाम लोगों ने जिलाधिकारी का भावपूर्ण स्वागत किया। संचालन तारादत्त जोशी ने किया। इस अवसर पर ब्लॉक प्रमुख सुमन लता, तहसीलदार विजय गोस्वामी, ग्राम प्रधान सुनीता देवी आदि तमाम लोग मौजूद थे।