चंपावत । लगता है उत्तराखंड में किए जा रहे उद्यानिकरण के कार्य में राहु-केतु की दशा लगी हुई है । अभी लोग उद्यान विकास के नाम पर करोड़ों रुपए का घोटाला करने वाले उद्यान निदेशक की कलाकारी के किस्से भूले भी नहीं थे कि,कोको कोला फाउंडेशन द्वारा जिस उदारता के साथ उत्तराखंड में सेव के उत्पादन को पुनर्जीवित कर किसानों को सम्मानजनक ढंग से जीवन यापन करने के जो अवसर दिए जाने का प्रयास किया जा रहा है , उसमें एक बिचोलिए की सैंधमारी ने कंपनी की साख और भावना को तार-तार कर दिया है ।हालांकि बिचौलिये की चर्चा तो पहले से ही सुनी जा रही थी लेकिन चंपावत में कोका-कोला द्वारा यहां आयोजित एप्पल हार्वेस्टिंग चंपावत के कार्यक्रम में बिचौलिये ने 5 -7 फल उत्पादको को मुखौटा बनाकर मुख्यमंत्री के सामने वाह-वाही लूटने का प्रयास कर रहा था किंतु परदे के पीछे मुख्यमंत्री का सम्मान करने के लिए बिचौलिए से परेशान किसानों ने मुँह नहीं खोला लेकिन बाद में उनका गुस्सा समारोह में आए कोकोकोला फाउंडेशन के निदेशक राजीव गुप्ता को झेलना पड़ा ।
उन्होंने माना कि जिन भावनाओं से हमने मॉडल जिले में सेव के बागान लगाने की जो योजना संचालित की जा रही थी उसका परिणाम एवं प्रतिक्रिया ने फाउंडेशन को भविष्य के लिए पुनर्विचार करने का संकेत दे दिया है ।
जिले में सबसे पहले सेव की खेती की शुरुआत करने वाले प्रकाश चंद के प्रतिनिधि शिवम का कहना है कि उन्होंने 1250 पेड़ लगाए थे जिसमें 200 पेड़ उसी वक्त सूख गए तथा 600 में फूल ही नहीं आये । बिचौलिए को फोन करते रह गए लेकिन चम्पावत में हुए कार्यक्रम में मिला तो वहां भी हमें टरकाने लगा।
जिले के “एप्पलमैन” भीम सिंह महर का कहना है कि बिचौलिये से अच्छी जानकारी एवं तकनीक के साथ वह उच्च गुणवत्ता वाले कोकोकोला फाउंडेशन को ₹400 प्रति पेड़ की दर से देने के लिए तैयार हैं जिसे बिचौलिया 550 में दे रहा है।लेकिन मुझ जैसे सीधे-साधे किसान को दूसरों को फसाकर उन्हें धोखा देने का टेक्ट नहीं आता है।
इंटीग्रेटेड फार्मिंग को बढ़ावा दे रहे बाजरीकोट के किसान चंद्रशेखर का कहना है कि बिचौलिए ने ढाई सौ पेड़ दिए जिसमें से 146 पेड़ लगाने के साथ ही सूख गए । उसके बाद उसने हमारी ओर पीठ ही कर दी।
भारतीय किसान यूनियन के गंगादत्त जोशी का कहना है कि कोको कोला फाउंडेशन को वास्तव में किसानों का हित देखना है तो मॉडल जिले में जिलाधिकारी की देखरेख में अपना कार्यक्रम संचालित करना चाहिए जिसमें वास्तविकता आइने की तरह सामने आ आएगी ।