चम्पावत। जिलाधिकारी मनीष कुमार लोगो की समस्याओं का त्वरित समाधान कर उन्हें भरी राहत पहुंचा रहे हे बल्कि उन्होंने स्वजल के किराए में चल रहे कार्यालय को विकास भवन में समायोजित कर न केवल आम लोगों की चार किलोमीटर लंबी रोज मर्रा की दौड़ समाप्त करने के साथ सरकार के डेढ़ लाख रुपए के राजस्व की भी बचत की हे दरअसल आज तक स्वजल का कार्यालय विकास भवन से चार किलोमीटर दूर कनलगांव में था जहां ग्रामीण क्षेत्रों से विकास भवन आने वाले लोगों को स्वजल के कार्यालय में जाने के लिए चार किलोमीटर का लम्बा सफर पैदल तय करना पड़ता था इस कार्यालय के विकास भवन आने से न केवल आम लोगों को राहत मिली हे बल्कि स्वयं स्वजल के कर्मियों को हर फाइल में परियोजना अधिकारी का अतिरिक्त कार्य भार देख रहे जिला विकास अधिकारी डी एस दिगारी के कार्यालय में आने जाने की दौड़ भी समाप्त हों गई हे स्वजल के सूत्रों ने बताया कि फरवरी 2026 तक किराए के भवन का अनुबंध हे इसके बाद उसे खाली कर दिया जाएगा। उधर सीएमओ कार्यालय के ऊपर कई आवासीय भवन वीरान पड़े हुए हे जिलाधिकारी की इन पर भी नजर पड़ी हे उनका कहना हे कि राजकीय संपत्ति की किसी भी स्तर पर बर्बादी नहीं होनी चाहिए उन आवासीय भवनों का किस प्रकार उपयोग होगा इस पर विचार किया जा रहा हे।
