लोहाघाट पीजी कॉलेज में गृह विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में मांगलिक परिधान में छात्राओं ने लिया भाग पीजी कॉलेज में गृह विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में मांगलिक परिधान में छात्राओं ने लिया भाग पीजी कॉलेज में गृह विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में मांगलिक परिधान में छात्राओं ने लिया भाग पीजी कॉलेज में गृह विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में मांगलिक परिधान में छात्राओं ने लिया भाग lपीजी कॉलेज में गृह विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में मांगलिक परिधान में छात्राओं ने लिया भाग पीजी कॉलेज में गृह विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में मांगलिक परिधान में छात्राओं ने लिया भाग l राजकीय पीजी कॉलेज में गृह विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित पॉट पेंटिंग एवं स्लोगन प्रतियोगिता में अपनी प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन कर निर्णायकों में असमंज्स की स्थिति पैदा कर दी थी l प्रतियोगिता का शुभारंभ प्राचार्य प्रो. संगीता गुप्ता ने किया उन्होंने कहा कि इस प्रकार की पेंटिंग एवं स्लोगन व्यक्ति के मन मस्तिष्क को तरंगित कर छात्राओं की लगन से उनके गगन छूने की प्रेरणा मिलती है उन्होंने इस शानदार प्रयास के लिए विभागाध्यक्ष तथा उनके सहयोगियों के अलावा प्रतियोगी छात्राओं को बधाई देते हुए इस बात पर भी प्रसन्नता व्यक्त कि की इसमें कुमाऊँनी संस्कृति का प्रतीक एपर्न का समावेश कर पेंटिंग की चमक में और निखार ला दिया l
प्राचार्या का गृह विज्ञान विभाग की ओर से स्वागत करते हुए विभागाध्यक्ष प्रो. अपराजिता ने कहा की एक से बढ़ कर एक सुन्दर पॉट पेंटिंग एवं स्लोगन प्रतियोगिता का शानदार प्रदर्शन कर विभागीय प्रतियोगिता में छात्राओं ने बढ़-चढ़ कर प्रतिभाग किया l
अध्यक्षता प्रोफेसर (डॉ.) संगीता गुप्ता, प्राचार्य, विभागाध्यक्ष कार्यक्रम संयोजक डॉ. अपराजिता, सह संयोजक डॉ. सोनाली कार्तिक एवं मीना मेहता रही l
डॉ. संगीता गुप्ता ने कहा की गृह विज्ञान के छात्राओं द्वारा बनाई गई पॉट पेंटिंग प्रतियोगिता में कुमाऊनी एपर्ण से सुंदर तरीके से तैयार किया और स्लोगन प्रतियोगिता में आज के दिनचर्या में अपने खानपान को स्वस्थ कैसे रख सके इसे बारे में छात्राओं ने प्रेरणा दायक संदेश पोस्टर पर लिख कर सभी को आकर्षित किया l
डॉ. अपराजिता ने बताया कि गृह विज्ञान विषय के जनक ‘कैथरीन ई-वीवर’ ने अमेरिका में 1830 के दशक में शुरूआत हुई जिसे गृह अर्थशास्त्र (होम-इकोनॉमिक्स) के नाम से जाना जाता था तथा भारत में इस विषय की शुरुआत 1920 के दशक जिसमें विषय की शुरआत ‘गुजरात के बड़ौदा स्थित महारानी बालिका उच्च विद्यालय’ में हुई l वर्तमान समय में गृह विज्ञान में पाक शास्त्र, पोषण, ग्रह अर्थशास्त्र, उपभोक्ता विज्ञान, बच्चों की परवरिश, मानव विकास, आंतरिक सज्जा, वस्त्र व परिधान, गृह-निर्माण से विषय की उपयोगिता और महत्व बढ़ता जा रहा है l