देवीधुरा। कुमाऊँ के हृदय में बसे माँ बाराही धाम देवीधुरा में अभी तक यहाँ श्वेत क्रांति की शुरुवात नहीं हो पाई है। देवीधुरा से लगे नैनीताल एवं अल्मोड़ा जिले की लंबी परिधि के दायरे में कोई पशुचिकित्सालय नहीं है जबकि यहाँ हर किसान क्रॉस ब्रीड पालने के उत्सुक है। जो लोग शौकिया तौर पर यहाँ क्रॉस ब्रीड पाल कर इस क्षेत्र में अन्य लोगो की आँखे खोलना चाहते थे उन्हें पशुचिकित्सा सेवा ना मिलने का ऐसा कटु अनुभव हुआ की उन्हें अपनी गाय ही बेचनी पड़ी है। मौजूदा समय में दुग्ध उत्पादन ग्रामीण अर्थव्यवस्था का सशक्त माध्यम होने के साथ यह ग्रामीण महिलाओ को सम्मानजनक ढंग से जीवन यापन करने का भी अवसर देता है, लेकिन दोषपूर्ण व्यवस्था के चलते लोगो के अरमान धरे के धरे रह गए है।
प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता राजेश बिष्ट का कहना है कि यहाँ के लोग भी लोहाघाट और चंपावत की तर्ज पर हर गोठ में उन्नत नस्ल की गाय को पालना चाहते है।लेकिन यहाँ विभाग के द्वारा कोई सुविधाएं नहीं दी गई है। कहने को यहाँ राजकीय पशु चिकित्सालय होने की बात कही जाती है लेकिन व्यावहारिक रूप में यहाँ पशु सेवा केंद्र संचालित है जिसमे हर वक्त ताला लटका रहता है। नज़दीक में यहाँ से 15 किमी दूर ब्लॉक मुख्यालय पाटी में पशु चिकित्सालय तो है लेकिन वहाँ भी डॉक्टर समेत स्टाफ के अभाव के कारण लोगो को सेवाएं नहीं मिल पाती है। जहाँ तक आपात पशुचिकित्सा सेवा का सवाल है वहाँ पर अधिकांश मामलो में फ़ोन करने पर उनकी सेवायें तब मिलती जब पशु की मौत हो जाती है। यहाँ के पशु पालकों की माँग है कि देवीधुरा में राजकीय पशु चिकित्सालय की स्थापना करने के साथ माँ बाराही धाम में आपात चिकित्सा सेवा उपलब्ध की जाये इससे नैनीताल व अल्मोड़ा जिले के लोगो को भी त्वरित गति से पशु चिकित्सा सेवा मिलने लगेगी।