
मालूम हो कि झील का निर्माण करने वाली कार्यदायी संस्था सिंचाई निर्माण खंड द्वारा वर्ष 2020 के अंत तक निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था लेकिन कोरोनावायरस के चलते विभाग समयावधि में निर्माण कार्य पूर्ण नहीं कर सका। विभाग ने झील के निर्माण में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा है। जिसके लिए विभागीय व प्रशासनिक अधिकारी अधिशासी अभियंता बी.सी पांडे एवं अपर सहायक अभियंता अमित उप्रेती के प्रयासों की सराहना कर चुके हैं। 30. 76 करोड़ रुपए लागत से बनी यह झील 20 मीटर गहरी, 1500 मीटर लंबी, 80 मीटर औसतन चौड़ी है। झील से लोहाघाट नगर के लिए जल निगम द्वारा पेयजल योजना भी प्रस्तावित की गई है जिसे शासन द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है। झील में नौकायन शुरू होने के बाद लोहाघाट क्षेत्र में पर्यटन के नए युग की शुरुआत हो गई है।
