चंपावत/ लोहाघाट । गुरु गोविंद सिंह जी महाराज के बीरबाल पुत्रों जोरावर सिंह एवं फतेह सिंह के बलिदान को याद करते हुए तुलसी दिवस के अवसर पर उनका भावपूर्ण स्मरण किया गया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बाल स्वयंसेवकों ने पूर्ण गणवेश में पथ संचालन किया । जो सरस्वती शिशु मंदिर से शुरू होकर नगर के विभिन्न बाजारों से होता हुआ गुजरा। बाल स्वयं सेवकों के ऊपर स्थान-स्थान में पुष्प वर्षा की गई। देश में सनातन जागरण के इस दौर में जहां लोगों को पाश्चात्य संस्कृति एवं प्रकृति से दूर रहकर अपने उन वीर बालकों के त्याग व बलिदान को याद करना चाहिए। जिन्होंने मौत को तो गले लगा लिया लेकिन अपना धर्म नहीं बदला।
गुरु गोविंद सिंह जी के 7 वर्षीय फतेह सिंह एवं नौ वर्षीय जोरावर सिंह दोनों साहबजादों को विधर्मियों ने दीवार में चीन दिया था। इसके बावजूद भी उन्होंने उनके सामने घुटने नहीं टेके यही है भारत की वीरता का इतिहास । बाद में बच्चों ने वीर बालकों से प्रेरणा लेते हुए अपने राष्ट्र,धर्म की आन-बान -शान के लिए मर मिटने, सनातनी रीति रिवाज के अनुसार अपने तीज त्योहारों को मनाने ,पाश्चात्य संस्कृति व प्रकृति का त्याग करने का संकल्प लिया। जिला संचालक मोहन जी ने पर्व की महत्ता पर प्रकाश डाला। उनका कहना था कि सिख गुरुओं ने सनातन धर्म की रक्षा के लिए जो त्याग व बलिदान किया था, उसे कभी इतिहास भूल नहीं सकता है। उन्होंने बीरबालकों के त्याग की कहानी सुनाई तथा तुलसी दिवस के अवसर पर अपने विचार रखें। पथ संचलन का नेतृत्व सह नगर कार्यवाह योगेश पांडे एवं नगर प्रचारक तनुज भरत ने किया। उधर चंपावत में नगर प्रमुख संजय जी के दिशा निर्देशन में बाल स्वयंसेवकों ने भव्य प्रदर्शन किया जिसमें काफी तादात में बच्चों के अलावा स्वयंसेवक भी शामिल थे ।


By Jeewan Bisht

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