चंपावत। जिलाधिकारी नवनीत पांडे ने कहा अधिकारी लोगों को टरकाने एवं समस्याओं को लटकाने की प्रवृत्ति छोड़कर अपने कार्य व्यवहार से उनमें ऐसा विश्वास पैदा करें कि वह यह सोचकर जाए कि अब उसका काम हो जाएगा। आदर्श जिला चंपावत में आंकड़ों की बाजीगरी नहीं बल्कि अधिकारी यह प्रदर्शित करें कि उनके विभागीय ने लोगों के जीवन की कितनी जटिलताएं काम करने के साथ उनके जीवन स्तर में कितना परिवर्तन लाने में सफल हुए हैं ? जिलाधिकारी सुशासन सप्ताह के अंतिम चरण में अधिकारीयों एवं जिले की नियोजन में सहयोग कर लोगों से सीधा संवाद कर रहे थे। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि सुशासन सप्ताह के दौरान जिले के सभी अधिकारियों ने दूर दराज की जनता तक अपनी पहुंच बनाकर उनकी सुध ली। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री का जिला होने के कारण जन समस्याओं का शत-प्रतिशत निराकरण, प्रकिया के सरलीकरण, लोगों के संतुष्टीकरण एवं उनका समाधान कर यह एहसास कराया जाना चाहिए कि सरकार उनकी सुध ले रही है। ग्रामीणों से सीधा संवाद कर उन्हीं से पूछा जाए कि क्या नया करने से उनका जीवन सरल हो सकता है, प्रदर्शन इकाइयों एवं अपने क्षेत्र में सफल हो रहे लोगों की कहानी उनकी जवानी से लोगों को सुनाने से जब बाहर का व्यक्ति यहां के किसान के खेत से सोना पैदा कर सकता है तो क्या वह कार्य किसान नहीं कर सकता है जो कई वर्षों से उसके यहां काम कर रहा है।
उन्होंने कहा कि यहां के फूलों की सुगंध से दिल्ली को महकने के लिए शीघ्र उद्यान विभाग एयरकंडीशन वाहन की व्यवस्था करेगा जिससे 8 घंटे में फूल दिल्ली पहुंच सकते हैं। उन्होंने मेडिसिनल मशरूम की व्यापक खेती को घर-घर में करने पर जोर देते हुए कहा ग्राहक तीन गुना अधिक दाम देने के लिए आप के घर में आ रहा है। डीएम ने सभी विभागों को निर्देश दिए कि फल फूल एवं वन प्रजापति के पौधों का उत्पादन जिला स्तर पर ही किया जाए। इससे जिले के किसानों व मनरेगा से जूडी महिलाओं को रोजगार मिलेगा।
दुग्ध उत्पादन पर संतोष व्यक्त करते हुए डीएम ने कहा गांवों के हर गोठ में उन्नत नस्ल की गाय पाली जानी चाहिए तथा कृत्रिम गर्भाधान की प्रक्रिया को और सरल बनाया जाए। सीबीओ ने बताया कि दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा दो हजार काऊ सैड बनाने का प्रस्ताव भेजा गया है। जिलाधिकारी ने उरेडा द्वारा छोटे-छोटे प्लांट लगाकर इसमें ग्रामीणों की सहभागिता पर जोड़ दिया। उन्होंने इस बात पर नाराजगी जताई की इन्वेस्टर समिति के बाद उद्योग विभाग कोई औद्योगिक टेंपो नहीं बना पाया है। इसके लिए उन्होंने उद्योग, बिजली, राजस्व, पेयजल,वन आदि विभागों के मध्य समन्वय स्थापित करने पर जोर दिया। बैठक में सीडीओ संजय कुमार, एसडीएम नितेश डांगर, डीडीओ डीएस दिगारी, डीएलओ डॉ वसुंधरा र्गब्याल, सीओ वंदना वर्मा, एसीएफ नेहा चौधरी, ऐडवोकेट शंकर पाण्डेय समेत अधिकारी लोग मौजूद।