चंपावत। कभी गरीबों का मुख्य भोजन कहे जाने वाले मढ़वे की पौष्टिकता एवं हर उम्र के लोगों के लिए स्वास्थ्य की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाना लगा है।पहली बार इस मोटे अनाज को सरकारी तौर पर 42.90 प्रति रुपए प्रति किलो ग्राम से खरीदे जाने के कारण किसानों ने इसका प्रक्षेत्र बढ़ाने का इरादा बनाया है। मुख्य कृषि अधिकारी सीएओ धनपत कुमार द्वारा आपदा के बाद ग्रामीण क्षेत्र का भ्रमण करने के दौरान किसानों ने बताया कि मढ़वें का अच्छा समर्थन मूल्य मिलने एवं हाथों हाथ इसकी बिक्री होने से किसान काफी प्रोत्साहित हुए हैं। सीएओ के अनुसार चंपावत जिले में विभाग द्वारा लाल चावल की विशिष्ट पहचान बनाई जा रही है। महानगरों में इस चावल को अच्छा मूल्य मिलने से विभाग इसका दोगुना उत्पादन करने की योजना बना रहा है। वर्तमान में लाल चावल जिले के असिंचित 100 हेक्टेयर तथा सिंचित 10 हेक्टेयर के क्षेत्र में उत्पादित किया जा रहा है।
लाल चावल के साथ रामदाना की भी विशिष्ट पहचान बनाई जाएगी। जंगली जानवरों के कारण इसके उत्पादन में काफी गिरावट आई है। जिला प्रशासन द्वारा जंगली जानवरों की रोकथाम हेतु तारबाड़ की व्यवस्था किए जाने से इसका उत्पादन बढ़ाया जाएगा।
सीएओ के अनुसार आपदा के कारण भंडार बोरा जैसे उत्पादक गांव में नया गधेरा पैदा होने से वहां ढाई हेक्टेयर तथा मटियानी गांव में 3.50 हेक्टेयर सोना उगलने वाली भूमि आपदा की चपेट में आ गई है जबकि लधियाघाटी क्षेत्र में वर्ष 1993 में आई भीषण आपदा से किसान अभी तक सभल नहीं पाए हैं। उनका कहना है कि चम्पावत जिले में लधियाघाटी को छोड़ कर कर शेष क्षेत्र में लेनटेना घास से किसानों को राहत मिली है। उनका कहना है कि जहां पानी उपलब्ध है, वहां विभाग द्वारा किसानों को सिंचाई सुविधा दिए जाने की पहल की जाएगी