लोहाघाट। पाटी ब्लाक अंतर्गत पटनगांव, बांस बस्वाड़ी, जमनटाक आदि कई ऐसे गांव हैं, जहां का टमाटर इन गांवों के नाम से बिकता है।इन गांवों में 300 से अधिक लोगों की आजीविका का मुख्य साधन टमाटर एवं बेमौसमी सब्जियों का उत्पादन रहा है।इन गांवों को लघु सिंचाई योजनाओं से सिंचाई की सुविधा मिलने के अलावा गर्सलेख से सड़क सुविधा मिलने से 5 किलोमीटर में यह गांव मुख्य सड़क से जुड़ जाएगा। यह जानकारी लोकसभा चुनाव के दौरान सेक्टर मजिस्ट्रेट के रूप में ग्रामीणों से रूबरू हुए पीजी कॉलेज के एनसीसी अधिकारी लेफ्टिनेंट डॉक्टर कमलेश सक्टा ने दी। मालूम हो कि जिलाधिकारी एवं जिला निर्वाचन अधिकारी नवनीत पांडे ने चुनाव के दौरान अधिकारियों से अपेक्षा की थी कि वे दूरस्थ गांव के लोगों को मताधिकार के प्रति जागरूक करने के साथ उनकी समस्याओं का भी अध्ययन करें। डॉ सक्टा के अनुसार पटनगांव बांस बस्वाड़ी,जमनटाक में हर व्यक्ति बेमौसमी सब्जियों का उत्पादन कर रहे हैं। यदि उन्हें सिंचाई व सुगम ट्रांसपोर्ट सुविधा मिले तो उत्पादकों की दो नहीं तीन गुना आय बढ़ सकती है। गांव के कीर्ति बल्लभ, विपिन चंद्र, सतीश जोशी,नारायण दत्त, रमेश तिवारी, खिलानंद, प्रताप बिष्ट आदि कई ऐसे काश्तकार हैं जो अकेले एक एक लाख रुपए का टमाटर बेचते आ रहे हैं। गत वर्ष टमाटर का अच्छा बाजार भाव मिलने से यहां के उत्पादकों का हौसला बढ़ा है। उद्यान विभाग इन गांवों के लोगों की मदद करता आ रहा है।
शुरुआत में पटनगांव के लोगों ने यह काम शुरू किया, उन्हीं से प्रेरित होकर अन्य गांव के लोगों ने इसे अपना व्यवसाय बनाया है। यहां के लोग कृषि विज्ञान केंद्र के डॉक्टर ए के सिंह का ही नाम जानते हैं। यहां के काश्तकार मल्चिंग, पॉली हाउस, पॉली टनल, यू टनल आदि से सब्जी उत्पादन के बारे में जानते तक नहीं हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि बलागड़ी गधेरे से यदि सिंचाई सुविधा दी जाए तो सब्जी उत्पादन का प्रक्षेत्र काफी बढ़ जाएगा। जंगली जानवरों से भी सुरक्षा की आवश्यकता है। गांव में सड़क तो है लेकिन यहां से मौनकांडा होते हुए पाटी पहुंचने का सफर 35 किलोमीटर करना पड़ता है। जिसमें ढुलान आदि पर ही काफी अधिक खर्च होता है। यदि गर्सलेख से बांस बसवाडी तक सड़क बनाई जाती है तो यहां से पाटी तक की दूरी मात्र 8 किलोमीटर रह जाएगी। गांव के बृजमोहन कहते हैं कि यदि क्षेत्र में उत्पादन को उत्पादकों को वैज्ञानिक तकनीक एवं बुनियादी सुविधाएं दी जाएं तो यहां के लोगों का जीवन स्तर काफी ऊंचा किया जा सकता है। डॉक्टर सक्टा के अनुसार व क्षेत्र में हुए अनुभव एवं ग्रामीणों की समस्याओं से जिलाधिकारी को अवगत कराएंगे।
