लोहाघाट। क्षेत्र के प्रसिद्ध रामेश्वर घाट स्थित सरयू नदी में जहां पर्व स्नान के लिए भरी भीड़ रहती है वहीं अल्मोड़ा, गंगोलीहाट, पिथौरागढ़, बारा आदि क्षेत्रों से यहां रोज शव अंतिम संस्कार के लिए आते हैं। रामेश्वर घाट में सुरक्षा के कोई इंतजाम न होने के कारण छः माह के अंतराल में सरयू नदी तीन युवाओं की जिंदगी ले चुकी है। इसके बावजूद भी वहां बचाव व सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं। सामाजिक कार्यकर्ता मदन खोलिया का कहना है कि वैसे तो घाट में प्रतिवर्ष डूबने से अकाल। मौतें होती रहती हैं लेकिन पिछले कुछ समय से नदी में पोकलैंड का प्रयोग किए जाने से नदी का तल असंतुलित हो गया है। इससे लोगों के जीवन को तबाह कर दिया है। खोलिया का कहना है कि इतने महत्वपूर्ण घाट में हरिद्वार की तरह चेन लगाने एवं जल पुलिस की तैनाती किए जाने का बंदोबस्त तो पहले ही किया जाना चाहिए था लेकिन लगातार जानलेवा दुर्घटनाएं होने के बावजूद भी इस दिशा में कोई पहल न किया जाना गंभीर प्रशासनिक लापरवाही का संकेत देता है। इसी प्रकार की व्यवस्था पंचेश्वर घाट में भी करने की मांग प्रशासन से की है। खोलिया का मानना है कि यहां सुरक्षा उपायों का न होना कभी भी किसी भी व्यक्ति के जीवन को समाप्त कर सकता है।