लोहाघाट। क्षेत्र के पशुपालकों को उनके मन का पशु चिकित्सक मिल गया है। देहरादून से स्थानांतरित होकर आए डॉ जेपी यादव ने लोहाघाट के पशु चिकित्सालय में पिछले कई महीनों से वेटनरी सर्जन के रिक्त पद पर कार्यभार संभाल लिया है। डॉ यादव गायों में बांझपन का उपचार कर उसे पुनः दुधारू बनाने, बिन ब्याहे गायों से दूध प्राप्त करने एवं पशुओं में लिगामेंट ऊपर खिसकने से पैदा होने वाले लंगड़ा रोग एमपीडी के विशेषज्ञ माने जाते हैं। क्षेत्र में ऐसी गायों की तादाद अधिक है जिन्हें बांझपन आने एवं एमपीडी रोग होने के कारण पशुपालक उन्हें छोड़ते आ रहे हैं। डॉ यादव के आने से गोधन का संरक्षण होने के साथ ऐसी गायों को नया जीवन मिलेगा। डॉ यादव की लोहाघाट चिकित्सालय में तैनाती के लिए यहां के पशुपालकों ने विभागीय मंत्री सौरभ बहुगुणा से विशेष अनुरोध किया था। जिसके लिए भारतीय किसान यूनियन ने पशुपालन मंत्री के प्रति आभार भी व्यक्त किया है।
डॉ यादव ने बताया कि उनका बुनियादी लक्ष्य क्षेत्र में दूध का दोगुना उत्पादन करना है। जिसके लिए गोबर का चिकित्सालय में नियमित परीक्षण कर पशुओं का उपचार करने, बांझ, बिन ब्याहे गायों को दुधारू बनाने एवं हर गोठ में एक उन्नत गाय पालने के लिए किसानों को प्रेरित कर उनकी आय को दोगुना करना होगा। यहां पशुपालकों के पास गाए तो अच्छी हैं लेकिन गौशाला अच्छी न होने के कारण गाये बीमार रहती है तथा उनसे दूध का उतना उपार्जन नहीं हो पता है इसके लिए विभागीय स्तर पर जिलाधिकारी से चर्चा की जाएगी। जिससे दुग्ध उत्पादन को ग्रामीण अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार बनाया जा सके। मुख्यमंत्री जी का चंपावत को मॉडल जिला बनाने के क्रम में हमारा प्रयास होगा कि यहां दुधारू पशुपालन कार्यक्रम को भी ऐसा मॉडल बनाया जाए जिसका राज्य के अन्य जिलों के लोग अनुसरण कर सके।