लोहाघाट। स्वच्छता सेवा पखवाड़े एवं स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत लोहाघाट ब्लॉक के जिले की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत पाटन पाटनी में प्लास्टिक कचरा प्रबंधन इकाई का आज जिलाधिकारी नवनीत पांडे द्वारा समारोह पूर्वक लोकार्पण किया गया। सोलह लाख रुपए लागत से स्वजल द्वारा निर्मित इस इकाई का लोकार्पण करते हुए जिलाधिकारी ने घर से सूखे व गीले कचरे को अलग-अलग रखने की घर से आदत डालने पर जोर दिया कहा इससे नव्बे फ़ीसदी गीला कुड़ा पशुओं के खाने या वर्मी कंपोस्ट के रूप में काम आ जाता है। शेष दस फ़ीसदी कूड़े को संसाधन के रूप में प्रयोग किया जा सकता है।उन्होंने प्लास्टिक कूड़े को थ्री आर की श्रेणी में अपनाते हुए कहा रिड्यूस, रियुज एंव रीसाइकलिंग के जरिए इसका कम से कम प्रयोग प्लास्टिक को पुनः इस्तेमाल करने के बाद इसकी रीसाइकलिंग कर पुनः प्रयोग में लाया जा सकता है। उन्होंने ग्राम पंचायत द्वारा गांव को जीरो वेस्ट केम्पस की श्रेणी में लाने पर जोर देते हुए कहा इससे ग्राम पंचायत की विशिष्ट पहचान होने के साथ पुरस्कार ग्राम पंचायत के द्वारा में पहुंचने लगेंगे।जनता के संकल्प से हर कार्य को संभव किया जा सकता है। उन्होंने उपस्थित लोगों को स्वच्छता की शपथ दिलाते हुए स्वच्छता कार्य में लगे मुकेश राम, सुंदर राम एवं रमेश राम को शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया तथा उनके प्रयासों की सराहना की।
इस अवसर पर सीडीओ आर एस रावत ने कहा जिले में कंपैक्टर प्लांट लगाने की पहली शुरुआत की गई है इसके बाद चारो ब्लॉको में इन्हें स्थापित किया जाएगा।इससे पूर्व ग्राम प्रधान जानकी बोहरा, प्रकाश बोहरा, पूर्व जिला पंचायत सदस्य सचिन जोशी, आईटीबीपी के सहायक सेनानी विक्रम सिंह,ग्राम प्रधान भुवन चौबे, स्वजल के अभियंता धीरज जोशी, सरपंच गंगा सिंह पटनी,मोहन पाटनी ने जिलाधिकारी का स्वागत करते हुए पहली बार गांव में आगमन पर आभार जताया। इस मौके पर वी डी ओ अशोक अधिकारी, जल संस्थान के ईई यूनस बेलाल, जल निगम के बीके पाल, हाइडिल के अभियंता ललित बिष्ट समेत आईटीबीपी के हिमवीर एवं महिला समूह की महिलाएं भी मौजूद थी।
वुके से फिजूलखर्ची की एवं गंदगी को मिलती है दावत।
लोहाघाट।जिलाधिकारी नवनीत पांडे ने कहा स्वागत सत्कार के रूप में प्रयोग किए जाने वाले बुके में जहां फिजूलखर्ची होती है वही वह घर में कचरे का ढेर भी बन जाता है। इससे लोगों को बचने की सलाह देते हुए कहा कि हमें एक दूसरे के प्रति सम्मान की भावनाएं दिल से होनी चाहिए।