
लोहाघाट। खरहीं गांव में श्रीकृष्ण लीला का मंचन शुरू होने के साथ ही लधियाघाटी क्षेत्र भक्तिभाव में सरोबार हो गया है। यहां के प्रसिद्ध लधौंनधुरा मंदिर के पुजारी पं. रमेश चंद्र भट्ट एवं पं. रमेश शर्मा के पौरोहित्य में विश्व कल्याण एवं क्षेत्र में सुख, शांति एवं समृद्धि की कामना के साथ लीला का शुभारंभ किया गया। प्रथम दिन भगवान विष्णु शेषाअवतार के रूप में अवतरित हुए। उन्हें देवराज इंद्र व नारद जी ने जब पृथ्वी में हो रहे अनाचार, दुराचार एवं अत्याचार से लोगों का जीवन मुश्किल में होने की जानकारी दी तो भगवान विष्णु ने सभी देवी-देवताओं को संगठित कर पृथ्वी लोक में नर रूप में जन्म लेकर दुरात्माओं का संहार कर धर्म कर्म करने वाले लोगों की रक्षा करने की विनती की। सभी देवी देवताओं ने इसी के साथ विभिन्न रूपों में नर रूप में अवतार लेना शुरू कर दिया। नटी- सूत्रधार के बीच मार्मिक संवाद हुआ कि किस प्रकार भगवान नर रूप में जन्म लेंगे। नटी का राहुल कोटिया, सूत्रधार का कृष्णानंद जोशी, विष्णु का अनिल बोहरा, ब्रह्मा का दिनेश जोशी, महेश का बृजेश शर्मा, देवराज इंद्र का नंद किशोर जोशी, नारद का नवीन बोहरा, लक्ष्मी का नीरज बोहरा, माया का दीपक जोशी, पृथ्वी का भुवन जोशी ने जीवंत अभिनय कर दर्शकों की खूब तालियां बटोरी। देर रात तक चली लीला में लोग अंतिम समय तक अपने स्थान से टस से मस नहीं हुए।
इससे पूर्व आयोजन समिति के अध्यक्ष गोविंद बल्लभ शर्मा, चंद्रशेखर जोशी, दीवान सिंह बोरा, श्याम सिंह, शिवराज सिंह, दीपक शर्मा, खीमानंद शर्मा, संजय शर्मा, तुलसी प्रसाद शर्मा, अनिल रावत, चंदन सिंह, महिमन शर्मा ने सभी दर्शकों का स्वागत करते हुए कहा किस प्रकार भगवान ब्रह्मा, विष्णु, महेश ने नर रूप में अपनी अलौकिक माया का प्रदर्शन कर पृथ्वीलोक की रक्षा करने के लिए अवतार लिया। लीला को देखने के लिए दूरदराज क्षेत्रों के लोग भक्तिभाव से शामिल हो रहे हैं। इस आयोजन में सभी उम्र के लोग ऐसा संदेश दे रहे हैं कि आपसी सहयोग व समन्वय से हर असंभव कार्य को संभव किया जा सकता है।