चंपावत। अद्वैत आश्रम मायावती में आज एक महत्वपूर्ण साहित्यिक एवं आध्यात्मिक आयोजन के दौरान गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व अंग्रेजी विभागाध्यक्ष एवं पूर्व कुलपति प्रो डॉ. एस. देव द्वारा लिखित पुस्तक “रिमिनिसेंस माय लैंड माय पीपल” का लोकार्पण आश्रम के अध्यक्ष स्वामी शुद्धिदानंद जी महाराज द्वारा किया गया। इंग्लैंड से प्रकाशित 246 पृष्ठों की यह पुस्तक काली कुमाऊं के आध्यात्मिक वैभव, सांस्कृतिक जड़ों और पौराणिक संदर्भों को नई दृष्टि से सामने लाती है। पुस्तक में डॉ. देव ने काली कुमाऊं स्थित सुई – विंशुग क्षेत्र के आध्यात्मिक रहस्यों, प्राचीन परंपराओं, भू-इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर को उजागर करते हुए कई प्रचलित भ्रांतियों का समाधान किया है। उन्होंने अद्वैत आश्रम मायावती को विश्व का एक अनूठा शांति, सन्निधि और आत्मचिंतन का केंद्र बताते हुए उल्लेख किया कि यही वह पवित्र भूमि है जहाँ से स्वामी विवेकानंद ने अद्वैत वेदांत की धारा को नयी ज्योति प्रदान की थी।
स्वामी शुद्धिदानंद जी महाराज ने लोकार्पण समारोह में कहा कि डॉ. देव के शोधपूर्ण प्रयास न केवल प्रेरणादायक हैं बल्कि भारतीय इतिहास को भारतीय दृष्टि से समझने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम भी हैं। उन्होंने कहा कि विदेशी चश्मे से इतिहास देखने की परंपरा को तोड़ते हुए यह पुस्तक नई पीढ़ी को अपनी विरासत का वास्तविक परिचय कराएगी। उन्होंने आगे कहा कि डॉ. देव की कृति स्वामी विवेकानंद की इस वाणी को साकार करती है—
“हमें अपना इतिहास स्वयं लिखना होगा।”
यह पुस्तक हिंदू धर्म के विराट स्वरूप और काली कुमाऊं के आध्यात्मिक रहस्य को समझने में पाठकों के लिए महत्वपूर्ण मार्गदर्शक सिद्ध होगी। कार्यक्रम में प्रबुद्ध भारत के संपादक स्वामी दिव्यकृपानंद जी महाराज, आश्रम के प्रबंधक स्वामी शुहिरदानंद, स्वामी ध्यानस्पर्धानंद, कोलकाता से आए डॉ. सुनील गोडबोले, डॉ. स्नेहा गोडबोले, जयपुर की डॉ. नेहा, सहित कई विद्वान और संत उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. संजय जुकरिया ने किया। इस अवसर पर लक्ष्मण सिंह देव, कुलदीप सिंह देव सहित अन्य गणमान्य भी शामिल रहे।
