चंपावत। जिले के पुलहिंडोला निवासी डॉ प्रीती पन्त ने अपने शोध में पाया कि कुमाऊं की पहाड़ियों में औषधिय पौधों की व्यापक भरमार है। लेकिन लोग जानकारी के अभाव में ना तो उनका दोहन कर पाते हैं और न ही उपयोग। उन्होंने अपने शोध में कई जड़ी बूटियों का लैब में टेस्ट कर यह पाया कि इन पौधों में औषधिय, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल एवं उनके बायोलॉजिकल गुणो के आधार पर उनका महत्व साबित किया है। इन्होंने यहां उपलब्ध जड़ी बूटियों मे गहनशोध डीएसबी परिषर नैनीताल मे कार्यरथ प्रो कपिल खुल्वे के निर्देशन में पूरा किया। शुक्रवार को इन्हें पीएचडी की उपाधि मिली है। डॉ प्रीति के इस कार्य में उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के रसायन विज्ञान विभाग में सहायक प्राध्यापक एवं अपने पति चारु चंद्र पंत तथा परिसर के निर्देशक प्रो हेम पांडे, प्राचार्य प्रो पुष्कर बिष्ट, कमलेश भाकुनी डॉ एन एस कार्की, डॉ डीएस धामी एवं पेंतृक परिवार से जुड़े नरेश पंत, हरीश पंत, विमला पंत आदि ने उन्हें प्रोत्साहित किया। प्रीति वर्तमान में एस एस जीना विश्वविद्यालय के एलएस मेहर परिसर पिथौरागढ़ में वनस्पति विज्ञान विभाग में सहायक प्राध्यापक के पद पर कार्यरथ है। इन्होंने इस कार्य में उनके माता-पिता समेत अन्य गुरुजनो द्वारा दिए गए सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया है।