लोहाघाट। साधनविहीन प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं के भविष्य को तरासने में मुख्यमंत्री प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना उनके घरों को आलोकित करने के साथ उनके भविष्य को सुनिश्चित कर उनके आगे बढ़ने के द्वारा खोलेगी। यह कहना है उत्तराखंड के उच्च शिक्षा निदेशक एवं बहुमुखी प्रतिभा के धनी डॉ सीडी सूंठा का। डॉ सूंठा के अनुसार उच्च शिक्षा में प्रवेश से पूर्व 60 फ़ीसदी अंकों के साथ कक्षा में छात्रों की प्रथम तीन स्थान की श्रेणी बनाई गई है जिन्हें ग्रेजुएशन के दौरान क्रमशः तीन हज़ार, दो हज़ार व एक हज़ार रुपये की छात्रवृत्ति तथा पोस्ट ग्रेजुएशन में पाँच हज़ार, तीन हज़ार व दो हज़ार की छात्रवृत्ति मिलेगी। यही नहीं 75 फ़ीसदी से अधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं में 10 फ़ीसदी को उनकी मेरिट के अनुसार 1500 रुपये अतिरिक्त दिए जाएँगे। माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा 241 छात्र-छात्राओं को 33.51 लाख की छात्रवृत्ति बाटकर इस कार्यक्रम की शुरुआत कर गरीबों व मेधावी छात्र-छात्राओं के सुनहरे अवसर के मार्ग खोल दिए हैं।डॉक्टर सूंठा के अनुसार इससे न केवल उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा बल्कि उच्च शिक्षा प्राप्त करने कीउनमें ऐसी होड़ मचेगी की हर छात्र इस योजना का लाभ उठाने के लिए आगे कदम बढ़ाएगा।

उन्होंने बताया कि स्वामी विवेकानंद जी ने देश के युवाओं को जो संदेश दिया था, वह अब धीरे-धीरे परिलक्षित हो रहा है। प्रत्येक महाविद्यालय व स्नातकोत्तर महाविद्यालय में ज्ञान की देवी मां सरस्वती एवं स्वामी विवेकानंद जी की आदम कद प्रतिमाएं लगाने का शासन ने निर्णय लिया है। इससे न केवल उच्च शिक्षण संस्थानों से शिक्षा के साथ ऐसे संस्कार मिलेंगे जिसमें प्रत्येक युवा में समाज व राष्ट्र के लिए समर्पित होने का भाव भी पैदा होगा।लोहाघाट का पीजी कॉलेज परिवार भाग्यशाली है जिसने स्थापना के समय से ही महाविद्यालय के नाम के आगे स्वामी विवेकानंद जी का नाम जोड़ने का सौभाग्य प्राप्त कर लिया है।इस कॉलेज को स्वामी जी की अवधारणा का एक ऐसा प्रकाश पुंज (नोडल बनाया जाएगा) जहां से जीवन की ऐसी नई सोच व कार्य संस्कृति विकसित होगी जो स्वामी जी की अमृतवाणी को जीवन के हर क्षेत्र में व्यवहार में लाएगा

नैक प्रत्यायन प्रोत्साहन योजना से महाविद्यालय की शैक्षिक गुणवत्ता में आएगा व्यापक सुधार।

लोहाघाट। उच्च शिक्षा निदेशक के अनुसार अब उत्तराखंड के महाविद्यालयों के शैक्षिक उन्नयन के लिए नैक प्रोत्साहन योजना शुरू की गई है जिससे श्रेणीबध्द कर संस्थागत रूप से नगद पुरस्कार दिया जाएगा। बी ग्रेड में आने वाले महाविद्यालयों को 5 लाख, बी प्लस में 6 लाख, ए ग्रेड में 8 लाख रुपए,ए प्लस में नो लाख रुपए तथा ए डबल प्लस में 10 लाख रुपए का नगद पुरस्कार दिया जाएगा। इस राशि से प्राचार्य अपनी संस्था की ज्वलंत आवश्यकताओं को पूरा कर शैक्षिक स्तर को और प्रभावी बनाने में सक्षम होंगे।

By Jeewan Bisht

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