लोहाघाट। कृषि विज्ञान केंद्र की वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक में केंद्र द्वारा किसानों को कृषि की नई तकनीकी से जोड़कर प्रति किसान की आय में इजाफा लाने का लक्ष्य निर्धारित करते हुए आगामी वर्ष के लिए किए जाने वाले कार्यों का अनुमोदन किया गया। बैठक की शुरुआत से पूर्व पंतनगर विश्वविद्यालय के प्रभारी निदेशक प्रसार डॉ जितेंद्र क्वात्रा एवं सह निदेशक डॉ संजय चौधरी ने दीप प्रज्वलित कर बैठक का शुभारंभ किया। केंद्र की ओर से डॉक्टर रजनी पंत प्रगतिशील किसान तारा दत्त खर्कवाल, रमेश खर्कवाल, राघुवर मुरारी, महेश जोशी, देवकी देवी, गंगादत्त जोशी, दरबान सिंह, ललित रावत, चंद्रा देवी,मोहन पांडे, प्रकाश बोहरा, गायत्री देवी ने अतिथियों एवं केंद्र की नवागत प्रभारी डॉ दीपाली तिवारी का स्वागत किया।फकीरचंद के संचालन में केंद्र के पशु वैज्ञानिक डॉ सचिन पंत ने केंद्र की गतिविधियों पर विस्तार से चर्चा की बैठक मैं किसानों को कम भूमि मे अधिक उत्पादन की तकनीक बताने के लिए समय-समय पर प्रशिक्षण जागरूकता शिविर लगाने पर जोर दिया गया। किसानों ने पारंपरिक खेती को वैज्ञानिक तकनीक से किस प्रकार उत्पादन बढ़ाया जाए इस पर जोर दिया। उनका कहना था कि एक किसानों का ग्रुप तैयार कर उन्हें वैज्ञानिक जानकारी व पारंपरिक ज्ञान साझा किया जा सके। ऑर्गेनिक फार्मिंग व श्री अन्न के साथ कीवी फल का प्रक्षेत्र बढ़ाया जाए। गर्म घाटियों के अलावा टनकपुर,बनबसा क्षेत्र में लीची लाल प्रजाति के आम के उत्पादन को बढ़ावा देने,केंद्र में वर्टिकल एवं इंटीग्रेटेड फार्मिंग सहित पशुपालन,बकरी पालन, मुर्गी पालन की प्रदर्शन इकाइयां स्थापित करने का भी निर्णय लिया गया।दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए साइलेज बनाने की पद्धति किसानो को बताने एवं सोयाबीन,तोरीया,सरसों, मड़वा के साथ सब्जियों का प्रक्षेत्र को बढ़ाने का निर्णय लिया गया।
चालू वर्ष के लिए केंद्र द्वारा अंगीकृत किए गए गांवों का चयन किया गया। अब केंद्र द्वारा सुदूरबर्ती क्षेत्र के गांव को भी इसमें शामिल किया गया है। चंपावत को मॉडल जिला बनाने में कृषि विज्ञान केंद्र के महत्व को देखते हुए ऐसा प्रयास किया जाए कि किसानों की आय दोगुनी हो सके। केंद्र की ओर से पशु चिकित्सा शिविर आयोजन कर पशु रोगो के बारे में भी किसानों को जागरूक किया जाएगा। बैठक में मुख्यमंत्री के आगमन की तैयारी को लेकर कोई भी जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद नहीं हो पाए। अलवत्ता उद्यान विभाग के आशीष खर्कवाल, कृषि विभाग के डीपीडी एसपी सिंह एवं मत्स विभाग के प्रतिनिधियों के अलावा विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक मौजूद थे।